हाँ गीत नहीं लिख पाऊंगा !!
बारूद तुम्हें ही भरना होगा
जंग लगी इन तोपों में
हे पार्थ समय मत नष्ट करो
आरोपों -प्रत्यारोपों में
है बैर अगर बलशाली तो
मैं प्रीत नहीं लिख पाऊंगा !
धर्मपथिक होकर, मत अपने
धर्म से बचकर भागो तुम
अपना आज सुरक्षित रख लो
कल की चिन्ता त्यागो तुम
मैं महासमर के बिना तुम्हारी
जीत नहीं लिख पाऊँगा !
ख़ुद को जांच परख लो तुम भी
युद्ध में मन भी भारी होगा
कलियुग में भी साथ, मगर
निशस्त्र सुदर्शन धारी होगा
पग कम्पित हुए तुम्हारे, पंथ
पुनीत नहीं लिख पाऊँगा !
हाँ गीत नहीं लिख पाऊंगा .!!
रचनाकार : अज्ञात
बारूद तुम्हें ही भरना होगा
जंग लगी इन तोपों में
हे पार्थ समय मत नष्ट करो
आरोपों -प्रत्यारोपों में
है बैर अगर बलशाली तो
मैं प्रीत नहीं लिख पाऊंगा !
धर्मपथिक होकर, मत अपने
धर्म से बचकर भागो तुम
अपना आज सुरक्षित रख लो
कल की चिन्ता त्यागो तुम
मैं महासमर के बिना तुम्हारी
जीत नहीं लिख पाऊँगा !
ख़ुद को जांच परख लो तुम भी
युद्ध में मन भी भारी होगा
कलियुग में भी साथ, मगर
निशस्त्र सुदर्शन धारी होगा
पग कम्पित हुए तुम्हारे, पंथ
पुनीत नहीं लिख पाऊँगा !
हाँ गीत नहीं लिख पाऊंगा .!!
रचनाकार : अज्ञात
0 comments:
Post a Comment