Follow Us 👇

Sticky

तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, जो परिवारिक झगड़े सुलझाने वाले न्यायालय से सम्बन्धित थे, उन की 10 सलाहें

उच्चतम् न्यायालय के न्यायाधीश, जो परिवारिक झगडे़ सुलझाने वाले न्यायालय से सम्बंधित थे, उन की 10 सलाहें।

1. अपने बेटे और पुत्र वधु को विवाह उपरांत अपने साथ रहने के लिए उत्साहित न करें, उत्तम है उन्हें अलग, यहां तक कि किरायेे के मकान में भी रहने को कहें, अलग घर ढूूँढना उनकी परेशानी है। आप और बच्चों के घरों की अधिक दूरी आप के सम्बंधों को वेहतर बनायेगी।

2. अपनी पुत्र वधु से अपने पुत्र की पत्नी कि तरह व्यवहार करें, न की अपनी बेटी की तरह, आप मित्रवत् हो सकते हैं। आप का पुत्र सदैव आप से छोटा रहेगा, किन्तु उस की पत्नी नहीं, अगर एक बार भी उसे डांट देंगें तो वह सदैव याद रखेगी

वास्तविकता में केवल उस की माँ ही उसे डाँटने या सुधारने का एकाधिकार रखती है आप नहीं।

3. आपकी पुत्रवधु की कोई भी आदत या उस का चरित्र किसी भी अवस्था मैं आप की नहीं, आप के पुत्र की परेशानी है, क्योंकि पुत्र व्यस्क है।

4. ईकट्ठे रहते हुए भी अपनी अपनी जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रखें, उनके कपड़े न धोयें, खाना न पकायें या आया का काम न करें, जब तक पुत्रवधू उसके लिए आप से प्रार्थना न करे, और अगर आप ये करने में सक्षम हैं, एवम् प्रति उपकार भी नहीं चाहते तो। बिशेषतः अपने पुत्र की परेशानियों को अपनी परेशानियां न बनाए, उसे स्वयं हल करने देंं।

5. जब वह लड़ रहे हों, गूंगे एवम् बैहरे बने रहें। यह स्वभाविक है कि छोटी उमर के पति पत्नी अपने झगड़े में अविभावकों का हस्तक्षेप नहीं चाहते।

6. आपके पोती पोते केवल आप के पुत्र एवम् पुत्रवधू के हैं, वह उन्हें जैसा बनाना चाहते हैं बनाने दें, अच्छाई या बुराई के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।

7. आप की पुत्रवधु को आप का सम्मान या सेवा करना जरुरी नहीं है, यह आप के बेटे का दायित्व है।आप को अपने बेटे को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए कि वह एक अच्छा ईन्सान बने जिस से आपके और आप की पुत्रवधु के सम्बंध अच्छे रहें।

8. अपनी रिटायरमेंट को सूनियोजित करें, अपने बच्चों से उस में ज्यादा सहयोग की उम्मीद न करें। आप बहुत से पडाव अपनी जीवन यात्रा में तय कर चुके हैं पर अभी भी जीवन यात्रा में बहुत कुछ सीखना है।

9. यह आप के हित में है आप अपने रिटायरमेंट सालों आनन्द लें, वेहतर है अगर आप अपनी मृत्यु से पूर्व उसका भरपूर आनन्द लें जो आप ने जीवन पर्यंत मेहनत करके बचाया है। अपनी कमाई को अपने लिए महत्त्वहीन न होने दें।

10. आपके नाती पोते आपके परिवार का हिस्सा नहीं हैं, वह अपने अभिभावकों धरोहर हैं।

👉उच्चतम् न्यायालय के न्यायाधीश, जो परिवारिक झगडे़ सुलझाते रहे हैं, उनके तजुर्बे पर आधारित

0 comments: