-: ढाई_मिनट_की_महबूबा :-
वो मुझे ट्रैन में मिली थी, मैं ऊपर की बर्थ पर लेटा हुआ था। मुझे ये बताने में कोई हर्ज नहीं कि मुझमें भी ताड़ने की शक्ति है। इस शक्ति का प्रयोग वैसे तो शास्त्रों में वर्जित है परंतु जब खूबसूरती की पराकाष्ठा हो जाए तो इसके प्रयोग को सही बताया गया है। मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था कि मैं किसी लड़की को एक टक देखे जा रहा था। जौन कम्पनी का भी जीन्स था बड़ा ही खूबसूरत था। रंग गोरा , कटीला बदन , होंठ के नीचे तिल और जूड़े में बंधे लंबे बाल...कुल मिला के बला की ख़ूबसूरती का फुल पैकेज था।
आज पहली बार अपने शादीशुदा होने पर अफसोस रहा था, खैर छोड़ो आगे बढते हैं। हाथ में बैग लिये अपने बदन को भीड़ के हिसाब से लचीला करते हुए वो मेरी सामने वाली वर्थ पर आ गई, अभी मुझे उसे देखे 1 मिनट ही हुआ था ,उसने बैग उसके सिरहाने रखा और एक चैन की सांस ली, मैं छुपी नज़र से उसे देखे जा रहा था।
पहली बार हुआ कि किसी के साथ होना चाहता था पर नियति का लेखा भला कब बदला है सो इस बार भी चाहना ही शेष थी बस और अपने आप को अपने ही मन में स्वयँ ही रिजेक्ट कर लेने का अध्यादेश ध्वनिमत से पारित हो चुका था।
एका एक उसने अपने हाथ ऊपर करके अपने बालों की पिन निकाल दी और अपने जूड़े को फिर से बाँधने लगी, पिन उसने उसके होंठो पर दबाई हुई थी। उसकी पिन के कारण उसके होंठो पर निगाहें गई , गजब की लालिमा , उसका बदन वैसा ही था जैसे किसी साड़ी के साथ आने वाले स्टीकर में बनी लड़की का होता है। उसके बाल बंध चुके थे , मुझे उसे देखे 2 मिनट 10 सेकंड हो चुके थे , मेरी भावनायें चरम पर थीं, पर ये क्या ? नहीं~~ ऐसा नहीं होना चाहिए, उसका हाथ उसकी नाक की तरफ बढ़ता हुआ और उसने एक उँगली अपनी नाक में डाली , और नीचे से ले जाकर ऊपर तक घुमाई , उसने उँगली को इस तरह मूव किया कि वो नाक के अंदरूनी भाग में किसी विशेष स्थान को छूना चाहती हो फिर उसने कुछ सेमी ग्रेवी सा पदार्थ निकाला । वो उसकी उँगली में चिपका हुआ था । उसने उस ऊँगली को अपने अँगूठे के साथ जोड़ा और मानो ऐसे गूँथने लगी कि आटा गूथते समय पानी ज्यादा डल गया हो और गूँथ गूँथ कर सुखाया जा रहा हो । अब वो सेमी ग्रेवी वाला पदार्थ किसी बत्ती की भाँति था , उसने उसे लिया और ऊपर की बर्थ बाली जाली में चिपका दिया उसने इस क्रिया में पूरे 20 सेकंड लिए। मैं पहले भी उसे देखे जा रहा था अब भी देखे जा रहा था ........................
बस कारण और एक्सप्रेशन बदल गए ।
सब मोह माया है मैं कल भी शादीशुदा था आज भी हूँ।
वो मुझे ट्रैन में मिली थी, मैं ऊपर की बर्थ पर लेटा हुआ था। मुझे ये बताने में कोई हर्ज नहीं कि मुझमें भी ताड़ने की शक्ति है। इस शक्ति का प्रयोग वैसे तो शास्त्रों में वर्जित है परंतु जब खूबसूरती की पराकाष्ठा हो जाए तो इसके प्रयोग को सही बताया गया है। मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था कि मैं किसी लड़की को एक टक देखे जा रहा था। जौन कम्पनी का भी जीन्स था बड़ा ही खूबसूरत था। रंग गोरा , कटीला बदन , होंठ के नीचे तिल और जूड़े में बंधे लंबे बाल...कुल मिला के बला की ख़ूबसूरती का फुल पैकेज था।
आज पहली बार अपने शादीशुदा होने पर अफसोस रहा था, खैर छोड़ो आगे बढते हैं। हाथ में बैग लिये अपने बदन को भीड़ के हिसाब से लचीला करते हुए वो मेरी सामने वाली वर्थ पर आ गई, अभी मुझे उसे देखे 1 मिनट ही हुआ था ,उसने बैग उसके सिरहाने रखा और एक चैन की सांस ली, मैं छुपी नज़र से उसे देखे जा रहा था।
पहली बार हुआ कि किसी के साथ होना चाहता था पर नियति का लेखा भला कब बदला है सो इस बार भी चाहना ही शेष थी बस और अपने आप को अपने ही मन में स्वयँ ही रिजेक्ट कर लेने का अध्यादेश ध्वनिमत से पारित हो चुका था।
एका एक उसने अपने हाथ ऊपर करके अपने बालों की पिन निकाल दी और अपने जूड़े को फिर से बाँधने लगी, पिन उसने उसके होंठो पर दबाई हुई थी। उसकी पिन के कारण उसके होंठो पर निगाहें गई , गजब की लालिमा , उसका बदन वैसा ही था जैसे किसी साड़ी के साथ आने वाले स्टीकर में बनी लड़की का होता है। उसके बाल बंध चुके थे , मुझे उसे देखे 2 मिनट 10 सेकंड हो चुके थे , मेरी भावनायें चरम पर थीं, पर ये क्या ? नहीं~~ ऐसा नहीं होना चाहिए, उसका हाथ उसकी नाक की तरफ बढ़ता हुआ और उसने एक उँगली अपनी नाक में डाली , और नीचे से ले जाकर ऊपर तक घुमाई , उसने उँगली को इस तरह मूव किया कि वो नाक के अंदरूनी भाग में किसी विशेष स्थान को छूना चाहती हो फिर उसने कुछ सेमी ग्रेवी सा पदार्थ निकाला । वो उसकी उँगली में चिपका हुआ था । उसने उस ऊँगली को अपने अँगूठे के साथ जोड़ा और मानो ऐसे गूँथने लगी कि आटा गूथते समय पानी ज्यादा डल गया हो और गूँथ गूँथ कर सुखाया जा रहा हो । अब वो सेमी ग्रेवी वाला पदार्थ किसी बत्ती की भाँति था , उसने उसे लिया और ऊपर की बर्थ बाली जाली में चिपका दिया उसने इस क्रिया में पूरे 20 सेकंड लिए। मैं पहले भी उसे देखे जा रहा था अब भी देखे जा रहा था ........................
बस कारण और एक्सप्रेशन बदल गए ।
सब मोह माया है मैं कल भी शादीशुदा था आज भी हूँ।
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