बेसिक शिक्षा परिषद में NGO की भरमार

विचारणीय ,चिंतन करें ।

बेसिक शिक्षा में NGO की भरमार है । एक ढूंढों हजार आते हैं ।
हर एक का दावा की वो क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं ।

दरअसल यह षड्यंत्र है बेसिक शिक्षा को निजी हाथों में ले लेने का ।

------- लर्निंग आउटकम कार्यक्रम---------

पहले बेस लाइन बनाइये जिस में दरसाइये कि बच्चे को कुछ नही आता,
फिर मिड लाइन बनाइये,
जिसमे कुछ बेहतर दिखाइए और फिर एन्ड लाइन बनाइये जिसमे दिखाइए की एकदम्मे चमत्कार हो गया है, और फिर इसी डेटा को लेकर NGO दावा करेगा कि देखिये सर क्रांति हो गयी ।
हम नही कह रहे आपके मास्टर लोग डेटा दिए है देख लीजिए ।
आपका विभाग जो सदियों में न कर पाया वो हमने कुछ महीनों के प्रयास में कर दिया लिहाजा अब ये सिस्टम हमारे हवाले कर दीजिए ।

मास्टर उस्टर हम लोग रख लेंगे ठेका पर आप जितना खर्च कर रहे हैं,
वो हमको दे दीजिए और क्रांति देखिये ।
देश मे चाहिए तो देश मे देखिये बकिया बिदेश जाना चाहें तो वहाँ से भी देखने की सुविधा दे देंगे ।

 और जानते हैं वे इस षड्यंत्र में सफल क्यों हो रहे हैं क्यों कि हम लोगों ने अपने कार्य को लापरवाही से किया ।
हमने उनको मौका दिया कि वे शिक्षा में आ रहे इस वैक्यूम को भर सकें । अभी पेंशन के लिए लड़ रहे हैं आने वाले समय मे नौकरी के लिए न लड़ना पड़े ।

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