वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें!
पर-सेवा पर-उपकार में हम, जग-जीवन सफल बना जावे
हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के सेवक बन संताप हरें!
जो हैं अटके, भूले-भटके, उनको तारें खुद तर जावें!
जो हैं अटके, भूले-भटके, उनको तारें खुद तर जावें!
छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ, अन्याय से निशिदिन दूर रहें!
जीवन हो शुद्ध सरल अपना, शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें!
जीवन हो शुद्ध सरल अपना, शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें!
निज आन-मान, मर्यादा का प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे!
जिस देश-जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें!
जिस देश-जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें!
वह शक्ति हमे दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें
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