बस वही सूरमा... कोई चलता पद चिन्हों पर कोई पद चिन्ह बनाता है

बस वही सूरमा ...

कोई चलता पद चिन्हों पर, कोई पद चिन्ह बनाता है
बस वही सूरमा वीर पुरुष, दुनिया में पूजा जाता है

देता संघर्षो को न्योता, मानवता की खातिर जग में
ठोकर से करता दूर सदा, जो भी बाधा आती मग में
जो दान रक्त का देकर भी,अपना कर्तव्य निभाता है
बस वही सूरमा .....

हम सब उनकी संताने है , आरो से जिनके शीश कटे
तिल तिल कर देह समर्पित की, लेकिन पग पीछे नहीं हटे
जो उन आदर्शो पर चलकर पुरखो का मान बढाता है
बस वही सूरमा .....

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