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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

अनिल गोछिकार : जगन्नाथ जी की सेवा, रक्षा में समर्पित


कुछ दिन पहिले रथयात्रा के समय ये फोटो काफी चर्चा में आया था... बाहुबली लुक के इस इंसान के बारे में हर कोई जानना चाहता था , किंतु की बहुत ही कम लोग ऐसे होते है..जो अपनी हॉबिस के साथ साथ अपने परंपरा अपने संस्कृत और अपने आस्था से जुड़ कर साथ साथ चलते है ।

चित्र में जो ये महाशय है.. इनका नाम अनिल गोछिकार है ।
ये वो वशंज के अंश है.. जिनके पूर्वजो ने महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के सेवा एवं रक्षा में अपना जीवन खपा दिया ।

ना जाने कितनी कोशिशें किये मुगलों ने श्री जगन्नाथ मंदिर को तबाह करने की... पर हर बार उन्हें मुक्की ही खानी पड़ी ।
सन: 1676 के करीब औरंगजेब ने जीतोड़ कोशिश किया इस मंदिर के मूर्तियों को तोड़ने की... पर हर बार की तरह इस बार भी भगवान के सेवा और उनके रक्षा में लगे भक्त अपने भगवान को विधर्मियों से बचाने में कामयाब हो जाते है ।
औरंगजेब के समय का युद्ध अब तक का सबसे भयानक युद्ध था, इस युद्ध के बाद कभी कोई युद्ध नही हुई.... इस युद्ध को काला पहाड़ के नाम से आज भी पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाता है । आज तक जगन्नाथ मंदिर का कोई बाल बांका नही कर पाया है ।

ओड़िसा के लोग अपने आस्था को ले कर बहोत ही कट्टर होते है, और खास तौर पर जगन्नाथ जी की बात आये तो वो अपना सब कुछ न्यौछावर कर देते है प्रभु के लिए ।

आप इतिहास उठा कर देख लीजिए... मुगल और अंग्रेजों के समय मे भारत के बहोत से इलाके से जयचंद जैसे दोगलो की कहानी मिल जाएगी, जिन्होंने अपने फायदे के लिए अपनों से और अपने धर्म/देश से छल किया हो । पर ओडिसा के हिस्ट्री में आपको कोई एक भी गद्दार नही मिलेगा ।

पूरे पूर्व भारत से होते हुए ओड़िसा के साउथ पश्चिम हैदराबाद और ओड़िसा के उत्तर पूर्व बिहार नालंदा तक शासन करने वाले मुगल कभी ओड़िसा में शासन नही कर सके ।

बंगाल की खाड़ी से होते हुए उस समय के भारत की राजधानी कोलकाता से भारत मे प्रवेश कर पूरे देश को गुलाम बनाने वाले अंग्रेज कभी ओड़िसा पर राज नही कर सके ।
पूरे ओडिसा में आपको अंग्रेज/मुगलों की कोई एक इमारत नही दिखेगी, ना ही मुगलों के नाम की कोई सड़क ।
इस राज्य में ना ही मुस्लिम वोट बैंक है और ना ही सेकुलरिज्म के बारे में बात करने वाला कोई गिरोह ।

इस राज्य में 4% मुस्लिम आवादी होने के कारण दंगे बहोत कम होते है,और जब दंगे होते है तब सब हिन्दू एक हो कर मोमिनों की गांव इतना कूटते है कि ये मोमिन आने वाले एक दशक तक शांत बैठ जाते है । 2016 में कटक और भद्रक में दंगे हुए थे, उस दंगे में मोमिनों की तबियत से पेलाई हुई थी, और सारे मस्जिदों में आग लगा दिए थे हिन्दुओ ने ।

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