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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

संज्ञा की परिभाषा :🔆

संज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है – नाम। किसी व्यक्ति , गुण, प्राणी, व् जाति, स्थान , वस्तु, क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा के उदाहरण
रमेश परीक्षा में प्रथम आया था। इसलिए वह दौड़ता हुआ स्कूल से घर पहुंचा, इस बात से वह बहुत खुश था। उसने यह बात अपने माता- पिता को बताई। यह समाचार सुन वह इतने आनंदित हुए कि उन्होंने उसे गले लगा लिया।

यहाँ पर खुश और आनंदित (भाव ), रमेश , माता-पिता (यक्ति ), स्कूल,घर (स्थान ), सुन, गले (क्रिया ) आदि संज्ञा आई हैं।

संज्ञा के भेद (Sangya Ke Bhed) :-
1. जातिवाचक संज्ञा

2. भाववाचक संज्ञा

3. व्यक्तिवाचक संज्ञा

4.समूहवाचक संज्ञा

5. द्रव्यवाचक संज्ञा

🔆1. जातिवाचक संज्ञा क्या होती है :- जिस शब्द से एक ही जाति के अनेक प्राणियों , वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं अथार्त जिस शब्द से किसी जाति का सम्पूर्ण बोध होता हो यह उसकी पूरी श्रेणी और पूर्ण वर्ग का ज्ञान होता है उस संज्ञा शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

उदहारण :- मोटर साइकिल, कार, टीवी, पहाड़, तालाब, गॉंव,लड़का, लडकी,घोडा, शेर।

🔆2. भाववाचक संज्ञा क्या होती है :- जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण, दोष, दशा, स्वाभाव , भाव आदि का बोध हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जिस शब्द से किसी वस्तु , पदार्थ या प्राणी की दशा , दोष, भाव , आदि का पता चलता हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा होती है।

उदहारण:- गर्मी, सर्दी, मिठास, खटास, हरियाली, सुख।

भाववाचक संज्ञा बनाना :-
भाववाचक संज्ञा चार प्रकार से बनाई जा सकती हैं —

1. जातिवाचक संज्ञा से

2. सर्वनाम से

3. विशेषण से

4. क्रिया से

1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना :-

मित्र = मित्रता
पुरुष = पुरुषत्व
पशु = पशुता
पंडित = पांडित्य
दनुज = दनुजता
सेवक = सेवा
नारी = नारीत्व
भाई = भाईचारा

2. सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना :-

पराया = परायापन
सर्व = सर्वस्व
निज = निजत्व

3. विशेषण से संज्ञा बनाना :-

मीठा = मिठास
मधुर = मधुरता
चौड़ा = चौडाई
गंभीर = गंभीरता
मूर्ख = मूर्खता
पागल = पागलपन
भला = भलाई
लाल = लाली

4. क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना :-

उड़ना = उड़न
लिखना = लेख
खोदना = खुदाई
बढ़ना=बाढ़
कमाना = कमाई
घेरना = घेरा
खपना = खपत
बचना =बचाव
नाचना = नाच
पड़ना = पड़ाव
लूटना = लूट

🔆3. व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या होती है :- जिस शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति , वस्तु, या स्थान आदि का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष स्थान, वस्तु,या व्यक्ति के नाम का पता चले वहाँ पर व्यक्तिवाचक संज्ञा होती है।

उदहारण :- भारत, गोवा, दिल्ली, भारत, महात्मा गाँधी , कल्पना चावला , महेंद्र सिंह धोनी , रामायण ,गीता, रामचरितमानस आदि।

🔆4. समूहवाचक संज्ञा क्या होती है :- इसे समुदायवाचक संज्ञा भी कहा जाता है। जो संज्ञा शब्द किसी समूह या समुदाय का बोध कराते है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जो शब्द किसी विशिष्ट या एक ही वस्तुओं के समूह या एक ही वर्ग व् जाति के समूह को दर्शाता है वहाँ पर समूहवाचक संज्ञा होती है।

उदहारण :- गेंहू का ढेर, लकड़ी का गट्ठर , विद्यार्थियों का समूह , भीड़ , सेना, खेल आदि।

🔆5. द्रव्यवाचक संज्ञा क्या होती है :- जो संज्ञा शब्द किसी द्रव्य पदार्थ या धातु का बोध कराते है उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जो शब्द किसी पदार्थ, धातु और द्रव्य को दर्शाते हैं वहाँ पर द्रव्यवाचक संज्ञा होती है।

उदहारण :- गेंहू , तेल, पानी, सोना, चाँदी, दही , स्टील , घी, लकड़ी आदि।

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