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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

अनकही दास्तान : सरदार पटेल

अनकहीं दास्तान....

जब सरदार पटेल जी की मृत्यु हुई तो एक घंटे बाद तत्कालीन-प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एक घोषणा की। घोषणा के तुरन्त बाद उसी दिन एक आदेश जारी किया गया, उस आदेश के दो बिन्दु थे। पहला यह था, की सरदार-पटेल को दी गयी सरकारी-कार उसी वक्त वापिस लिया जाय और दूसरा बिन्दु था की गृह मंत्रालय के वे सचिव/अधिकारी जो सरदार-पटेल के अन्तिम संस्कार में बम्बई जाना चाहते हैं, वो अपने खर्चे पर जायें, लेकिन तत्कालीन गृह सचिव वी.पी मेनन ने प्रधानमंत्री नेहरु के इस पत्र का जिक्र ही अपनी अकस्मात बुलाई बैठक में नहीं किया और सभी अधिकारियों को बिना बताये अपने खर्चे पर बम्बई भेज दिया।

उसके बाद नेहरु ने कैबिनेट की तरफ से तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद को सलाह भेजवाया की वे सरदार-पटेल के अंतिम-संस्कार में भाग न लें। लेकिन राजेंद्र-प्रसाद ने कैबिनेट की सलाह को दरकिनार करते हुए अंतिम-संस्कार में जाने का निर्णय लिया। लेकिन जब यह बात नेहरु को पता चली तो उन्होंने वहां पर सी. राजगोपालाचारी को भी भेज दिया और सरकारी स्मारक पत्र पढने के लिये राष्ट्रपति के बजाय उनको पत्र सौप दिया। इसके बाद कांग्रेस के अन्दर यह मांग उठी की इतने बङे नेता के याद में सरकार को कुछ करना चाहिए और उनका 'स्मारक' बनना चाहिए तो नेहरु ने पहले तो विरोध किया फिर बाद में कुछ करने की हामी भरी।

कुछ दिनों बाद नेहरु ने कहा की सरदार-पटेल किसानों के नेता थे, इसलिये सरदार-पटेल जैसे महान और दिग्गज नेता के नाम पर हम गावों में कुआँ खोदेंगे। यह योजना कब शुरु हुई और कब बन्द हो गयी किसी को पता भी नहीं चल पाया। उसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव में नेहरु के खिलाफ सरदार-पटेल के नाम को रखने वाले पुराने और दिग्गज कांग्रेसी नेता पुरुषोत्तम दास टंडन को पार्टी से बाहर कर दिया।

ये सब बाते बरबस ही याद दिलानी पङती हैं....आज जब कांग्रेसियों को सरदार-पटेल का नाम जपते देखता हूं.. तो लगता है मानो "कांग्रेस ईस्ट इंडिया कंपनी" है जो की हिंदी और हिन्दू-संस्कृति को समाप्त करने का काम ७० वर्षों से गुपचुप तरीके लगी हो। इसी काँग्रेस ने मुसलमानों को 40 दिनों में अलग देश पाकिस्तान दे दिये, अलग मुस्लिम लो बोर्ड दे दिया, पर हमारे आराध्य भगवान राम जी की जन्मभूमि हमे ना मिले, उसके लिए सर्वोच्च न्यायालय अपने 24 सर्वश्रेष्ठ वकीलों की फ़ौज उतार रखी है। ये सूची बहुत लंम्बी है ।

पर कहते है "सौ सुनार की एक लोहार की"........
नकली गाँधी और नेहरू परिवार ने केवल अपने परिवार को ही स्वतंत्रता सेनानी माना और देशवासियों से मनवाने में जुटे रहे। आज मोदी जी ने आकर ये परिवार प्रधान की परम्परा बदली और असली स्वतंत्रता सेनानियों की याद में स्मारकों को समर्पित करने में जुटे हैं। यही है असली माटी के लाल...


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