अपूर्वः कोऽपि कोशोयं
विद्यते तव भारति ।
व्ययतो वृद्धिमायाति
क्षयमायाति सञ्चयात् ॥
🌻 हिंदी भावार्थ 🌻
हे देवी भारति (सरस्वती) ! आपका विद्या कोश बहुत ही अपूर्व हैं । जिसे खर्च करने पर बढ़ते जाता हैं और संचय करने पर घटने लगता हैं ।
🌼 English Meaning 🌼
O goddess "Bharati", your treasure of knowledge is indeed amazing. It grows when spent and depletes when unspent.
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