❇️पश्चिमी घाट को स्थानीय रूप से महाराष्ट्र में सह्याद्री, कर्नाटक और तमिलनाडु में नीलगिरि और केरल में अन्नामलाई और इलायची/कार्डामम पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है।
❇️ नीलगिरी, अनामलाई और पलानी पहाड़ियों में समशीतोष्ण वनों को ‘शोला’ कहा जाता है।
🔰शोला वन✅
❇️नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर पाए जाने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय वनों को स्थानीय रूप से ‘शोलास’ के नाम से जाना जाता है।
❇️'शोला' (shola) शब्द तमिल शब्द 'कोलाइ' (cholai) का अपभ्रंश रूप है, जिसका अर्थ होता है- ठंडा स्थान या जंगल।
❇️इन वनों में पाए जाने वाले वृक्षों में मगनोलिया, लैरेल, सिनकोना और वैटल का आर्थिक महत्त्व है।
❇️ पर्वतीय क्षेत्रों में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान में कमी आने के कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है।
❇️ यहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्रों में शीतोष्ण कटिबंधीय और निचले क्षेत्रों में उपोष्ण कटिबंधीय प्राकृतिक वनस्पतियाँ पाई जाती है।
❇️ तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक प्रांत की पर्वत श्रृंखलाएँ उष्णकटिबंध क्षेत्र में पड़ती हैं और इनकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1500 मीटर है।
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