1 प्रसिद्ध ग्रीक दार्शनिक अरस्तु को जीव विज्ञान एवं जंतु विज्ञान का जनक कहा जाता है |
2 वनस्पति विज्ञान का जनक थियोफ्रेस्टस को कहा जाता है |
3 चिकित्सा विज्ञान का जनक हिप्पोक्रेटस को कहते हैं |
4 कैरोलस लीनियस को वर्गीकी का जनक कहा जाता है | इन्होने ने जीवों की द्विनाम पद्धति को प्रचलित किया | इस पद्धति के अनुसार प्रत्येक जीवधारी का नाम लैटिल भाषा के दो शब्दों से मिलकर बनता है, पहला शब्द वंश नाम तथा दूसरा शब्द जाति का कहलाता है | उदाहरण :
मनुष्य – Homo Sapiens
मेंढक – Rana Tigrina
आम – Mangifera Indica
सरसो – Brassica Campestris
5 लैमार्क द्वारा प्रस्तुत वर्गीकरण मे जीवों को केवल दो जगतों जंतु जगत एवं पादप जगत में विभाजित किया गया |
6 संघ प्रोटोजोआ के जंतु सबसे सरल होते हैं, और इसे सृष्टि के प्रथम जंतु मानते हैं | इसका शरीर एक कोशकीय होता है
7 अमीबा एक अनिश्चित आकार वाला सूक्ष्म अकोशकीय प्राणी है |
8 फीता कृमि या टीनिया मनुष्य की आंत मे पाया जाने वाला एक रोग जनक परजीवि है |
9 केंचुआ एवं जोंक द्विलिंगी जंतु हैं |
10 जंतुओं का सबसे बडा संघ ‘संघ आर्थोपोडा’ है |
11 घोंघा, सीप, आदि का खोल कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है |
12 घोंघा, आक्टोपस आदि के रक्त में हीमोग्लोविन अनुपस्थित होने के कारण रक्त रंगहीन होता है |
13 सीपिया जैसे कुछ जंतु में हीमोसायनिन के कारण रक्त का रंग नीला होता है |
14 आक्टोपस को शैतानी मछली के नाम से जाना जाता है |
15 अमीबा प्रोटोजोआ संघ का जंतु है |
16 पेचिश नामक रोग एण्ट अमीबा द्वारा फैलता है |
17 हिप्पोकैम्पस को समुंद्री घोडा भी कहते हैं |
18 समुंद्री घोडा मत्स्य वर्ग का जंतु है |
19 मेंढक उभयचर है क्योंकि यह जल-स्थल चर जंतु है |
20 मेंढक त्वचा से स्वसन करने वाला प्राणी है |
21 जंतुओं के विकास का सही क्रम: मत्स्य-उभयचर-सरीसृप एवं पक्षी है |
22 मानव यूथीरिया उपवर्ग का प्राणी है |
23 कोशिका की खोज राबर्ट हुक ने की |
24 राबर्ट ब्राउन ने कोशिका में केंद्रक की खोज की |
25 कोशिका जीव की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं संरचनात्मक इकाई होती है |
26 सबसे लम्बी कोशिका तंत्रिका तंत्र की कोशिका है |
27 सबसे बडी कोशिका शुतुर्मुर्ग के अण्डे की कोशिका है |
28 कोशिका भित्ती केवल पादप कोशिका में पाया जाता है | यह सेलुलोज का बना होता है | यह कोशिका को निश्चित आकृति एवं आकार बनाए रखने में सहायक होता है |
29 ऊर्जा युक्त कार्बनिक पदार्थों का आक्सीकरण माइटोकाण्ड्रिया मे होता है, जिसमे काफी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है, इस लिए माइटोकाण्ड्रिया को कोशिका का शक्ति केंद्र कहते हैं |
30 रिक्तिका में एंथोसायनिन जैसे पदार्थ होते हैं जिसके कारण फूलों का रंग लाल, नीला,
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