वैज्ञानिकों ने हाल ही में घोंघे की एक नई प्रजाति की खोज की है. यह प्रजाति तापमान-संवेदनशील प्रजातियों के परिवार का हिस्सा है. इसे क्रैसेपोट्रोपिस ग्रेथथुनबेर्गे (Craspedotropis gretathunbergae) नाम दिया गया है. वैज्ञानिकों ने यह नाम पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के सम्मान में दिया है. जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने में ग्रेटा के प्रयासों के लिए वैज्ञानिकों ने यह निर्णय लिया.
पत्रिका 'बायोडायवर्सिटी डेटा' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि घोंघे की यह प्रजाति कैनेओगैस्ट्रोपोडा (Caenogastropoda) समूह की है. यह प्रजाति भूमि पर रहती है और सूखे, अत्यधिक तापमान में उतार-चढ़ाव और वनों की कटाई से प्रभावित हो सकती है. नीदरलैंड्स में नेचुरल बायोडायवर्सिटी सेंटर के वैज्ञानिकों द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक घोंघे की नई प्रजाति ब्रुनेई में कुआला बेलांग फील्ड स्टडी सेंटर के करीब पाई गई.
उद्देश्य
वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रेटा थनबर्ग के नामकरण के पीछे उनका उद्देश्य दुनिया को ग्रेटा थनबर्ग के प्रयासों के प्रभाव और महत्व के बारे में सूचित करना है. साथ ही, मौजूदा जेनरेशन को पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए भी यह निर्णय लिया गया है.
शोध
वैज्ञानिकों ने कहा कि नई प्रजातियों की खोज के लिए सभी काम ऐसे स्थानों पर किए गए जहां बुनियादी सुविधाएं मुश्किल से उपलब्ध थीं. उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर इंटरनेट कनेक्शन भी उपलब्ध नहीं था. यह शोध 10 दिनों तक चला.
जैव विविधता डेटा जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इस बात पर सर्वसम्मति से वोट किया कि प्रजातियों का नाम किसे दिया जाए. प्रतिभागी शोध और नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि इसका नाम ग्रेटा के नाम पर रखा जाना चाहिए और अंत में इसका नाम क्रैसेपोट्रोपिस ग्रेथथुनबेर्गे रखा गया.
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