लखनऊ का किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), COVID-19 इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी सफलतापूर्वक शुरू करने वाला देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है। एक 58 वर्षीय डॉक्टर उत्तर प्रदेश में पहले कोरोनोवायरस मरीज थे, जिन्हें प्रायोगिक उपचार के रूप में प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी। कॉन्विजेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy) COVID-19 रोगियों पर की जा एक प्रायोगिक प्रक्रिया है
क्या है कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy)?
Convalescent Plasma Therapy: कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी का उद्देश्य COVID-19 से ठीक हुए व्यक्ति के खून से एंटीबॉडी का उपयोग करके वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों का इलाज करना है। इस थेरेपी का उपयोग वायरस से जल्दी संक्रमित होने वाले लोगों जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, रोगियों के परिवार और अन्य उच्च जोखिम वालो की इमूनिटी बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
इस थेरेपी की प्रक्रिया काफी सरल है जो एंटीबॉडी में समृद्ध कोविड -19 मरीज के रक्त पर आधारित है, तथा जिनके रक्त में वायरस से लड़ने की विशिष्ट क्षमता वाले एंटीबॉडी होते हैं। यह एंटीबॉडी COVID-19 ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार शरीर में डाल दिया जाता है। मरीज पर एंटीबॉडी का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है, जिसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है.
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