मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है
नई दिल्ली, 29 July 2020
शिक्षा मंत्रालय नाम करने के प्रस्ताव को मंजूरी नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है. इसके बारे में विस्तृत जानकारी सरकार की ओर से शाम 4 बजे होने वाली कैबिनेट ब्रीफिंग में दी जाएगी.
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए. इस प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी गई. अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.
नई शिक्षा नीति के बाद हो सकते हैं ये सुधार
शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी 'नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनएचईआरए) या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया' तय किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण 1986 में किया गया था और 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे. तीन दशक बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है.
केंद्र सरकार का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है ताकि भारत दुनिया में ज्ञान का सुपरपावर बन सके. इसके लिए सभी को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा दिए जाने की जरूरत है ताकि एक प्रगतिशील और गतिमान समाज बनाया जा सके.
शिक्षा मंत्रालय का प्राथमिक स्तर पर दी जाने वाली शिक्षा की क्वालिटी सुधारने के लिए एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क तैयार करने पर जोर है. इस फ्रेमवर्क में अलग-अलग भाषाओं के ज्ञान, 21वीं सदी के कौशल, कोर्स में खेल, कला और वातारण से जुड़े मुद्दे भी शामिल किए जाएंगे.
००नई_शिक्षा_नीति
1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे।
2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें।
3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से।
4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल।
5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे।
6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी।
7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे।
8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।
9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर।
10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा।
11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा।
12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी।
13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे।
14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।
15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।
16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी।
17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा।
18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है।
19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा।
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