हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया तो पूरी दुनिया की नज़रें भूमि पूजन पर टिकी रहीं। अयोध्या से बाहर निकलें तो उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई स्थान ऐसे हैं, जो भगवान राम के जीवन से ताल्लुक रखते हैं। उन्हीं में से एक है बक्सर। दाअसल यहां पर भगवान राम ने आयुद्ध विद्या ग्रहण की थी। यूं कहिये कि यह भगवान की पहली युद्ध भूमि है।
हम बात कर रहे हैं भगवान राम के गुरु विश्वामित्र की स्थली बक्सर की जिसे राष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर एवं पर्यटक स्थल की सूची में शामिल करने को लेकर एक लम्बे समय से संघर्ष किया जा रहा है। बक्सर का प्राचीन मूल नाम व्याघ्रसर है। वर्षों पहले अंग्रजों ने गलत उच्चारण के तहत स्थान का नाम बक्सर कर दिया था।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (ट्रस्ट) अयोध्या के अध्यक्ष महंथ नृत्य गोपालादास ने 20 जून 2020 को प्रधानमंत्री को एक पत्र प्रेषित कर भगवान राम की कर्मभूमि से जुड़ी मूर्त एवं अमूर्त विरासत के तमाम धार्मिक स्थलों को सहेज कर अयोध्या, मथुरा, काशी की तर्ज पर पर्यटकीय पहचान दिलाने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि रामायण सर्किट के तहत ताड़का वद्ध, युद्ध भूमि (चरित्रवान), गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या उद्धार भूमि, सीता स्वयंवर पूर्व गंगा तट पर स्थापित रामेश्वरम शिव लिंग, गुरु विश्वामित्र के सान्निध्य में आयुध विद्या ग्रहण स्थली विश्वामित्र आश्रम, वेदों की प्रथम ऋचा का सूत्रपात करने वाले वेद्शिरा आश्रम को अयोध्या, मथुरा, काशी की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकीय पहचान दिलाने हेतु केंद्र व् राज्य पर्यटन विभागों को प्रेरित किया जाए।
ऐसा करने पर अयोध्या ,काशी आने वाले पर्यटक भगवान राम की कर्मभूमि का भी भ्रमण कर सकेंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि इससे केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत स्थानीय पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस संदर्भ में रामायण सर्किट सदस्य (भारत सरकार) जगदीश चंद पाण्डेय की पहल पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री आश्विनी चौबे ने पूर्व पर्यटन मंत्री के जे अल्फोस तथा संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को अनुशंसा पत्र भी लिखा था। पत्र के संदर्भ में संस्कृति मंत्रालय ने कार्य करते हुए मार्च में बक्सर राम सर्किट ट्रेन के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्से से आये सैकड़ोंं धार्मिक श्रद्धालुओंं को बक्सर दर्शन कराया था।
इधर विश्वामित्र सेवा संघ से जुड़े राघो सिंह ,बक्सर के धार्मिक आख्यानों पर शोध कर रहे प्रो पीके मिश्र , आदि अखाड़ा के महंत विकास वैभव और नाथ सम्प्रदाय के लोगों ने राज्य व केंद्र सरकार से मांग की है कि बक्सर को पर्यटन स्थल घोषित किया जाए। वहीं कई राजनीतिक दलों ने आगामी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है।
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