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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

जानिए किन वजहों से आता है सुनामी, अब तक क्या है भारत की स्थिति।।

(780 words)
दुनिया के अलग-अलग देशों में कई बार सुनामी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, जिसमें हजारों जिंदगियां, शहर के शहर जमींदोज हो गये। समुद्र से उठने वाली ऊंची-ऊंची लहरें कब रौद्र रूप ले लें, यह कोई नहीं जानता। जिस तरह भूकंप की भविष्‍यवाणी नहीं की जा सकती है, उसी तरह सुनामी की भी भविष्‍यवाणी कोई नहीं कर सकता है, लेकिन हां समुद्र में होने वाली तीव्र हलचल को देखते हुए अक्सर सुनामी का अलर्ट जरूर जारी कर दिया जाता है। 

सुनामी किन कारणों से आता है और इसे लेकर भारत की क्या स्थिति है, इस बात पर हम चर्चा करेंगे, क्योंकि आज यानी 5 नवम्बर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस है। सुनामी के खतरों के बारे में लोगों को आगाह करने के उद्देश्‍य से यह दिवस संयुक्त राष्‍ट्र के नेतृत्व में हर साल मनाया जाता है। दिसंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पहली बार इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी।  

क्या है सुनामी

समुद्र के नीचे प्लेट के टकराव से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा के कारण पानी में जबर्दस्त कंपन होता है, जिसकी वजह से समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं। ये लहरें जब तटों से टकराती हैं तो भारी तबाही मचाती हैं। ज्वालामुखी विस्फोट, पनडुब्बी के ब्लास्ट, और तटीय चट्टान गिरने से भी सुनामी उत्पन्न हो सकती है। जिस तरह से एक बड़े क्षुद्रग्रह महासागर को प्रभावित कर सकता है सुनामी भी वैसे ही प्रभाव डाल सकती है। सुनामी की लहरें अक्सर पानी की दीवारों की तरह दिखाई देती हैं और हर 5 से 60 मिनट में आने वाली तरंगों के साथ, तटरेखा पर हमला कर सकती हैं और खतरनाक हो सकती हैं। 

सुनामी दुर्लभ घटनाओं में से एक है, लेकिन बेहद घातक हो सकती है। पिछले 100 वर्षों में 58 बार सुनामी की वजह से करीब 260,000 से अधिक जीवन या औसतन 4,600 प्रति आपदा का दावा किया है, जो किसी भी अन्य खतरों से परे है। सबसे ज्यादा मौतें दिसंबर 2004 में हिंद महासागर की सुनामी में हुई थीं। इसने इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत और थाईलैंड के साथ 14 देशों में अनुमानित 227,000 लोगों की मृत्यु हुई।

लेकिन सभी जानते हैं प्राकृतिक आपदा पर्यावरण औऱ जलवायु में परिवर्तन मुख्य कारण हैं। इसलिये ऐसी आपदा को कम करने के लिये सभी को मिल कर प्रयास करना होगा। 

भारत और सुनामी की स्थिति

2004 में सुनामी के खतरे के मुकाबले भारत बहुत ज्यादा सुरक्षित है। इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इन्फॉर्मेशन सिस्टम (INCOIS) में स्थापित अत्याधुनिक सिस्टम सुनामी की चेतावनी देता रहता है। हालांकि INCOIS के निदेशक, ताम्माला श्रीनिवास की मानें तो एलर्ट सिस्‍टम कभी भी विफल हो सकता है। अगर तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को इसके प्रति जागरूक नहीं किया गया तो हो सकता है वे आधिकारिक और प्राकृतिक चेतावनी के संकेतों को नहीं समझ पायें और कभी भी घटना घटने पर उचित और समय पर प्रतिक्रिया दे पाएं। 

आम तौर पर अब कहीं भी भूकंप आता है तो उसके 10 - 20 मिनट बाद सुनामी की चेतावनी दी जा सकती है। इससे तटिय इलाकों रहने वाले और सुनामी से होने वाली भारी क्षति को कम कर सकते हैं।  

सुनामी आने के कारण

वैसे सभी भूकंप सुनामी का कारण नहीं बनते हैं। कोई भी भूकंप तभी सुनामी पैदा कर सकता है जब : 

- भूकंप समुद्र के नीचे आया हो या समुद्र में महासागर प्लेट, महाद्वीपीय प्लेट या एक अन्य छोटी महासागर प्लेट के नीचे खिसक गई हो

- रिक्टर स्केल पर भूकंप का कम से कम परिणाम 6.5 हो 

- भूकंप का केंद्र समुद्र तट से 70 किमी से कम हो 

- भूकंप में समुद्र तल (कई मीटर तक) की ऊर्ध्वाधर गति का कारण हो

भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट

जो भूस्खलन जो तट के पास होता है वो बड़ी मात्रा में समुद्र के पानी में हलचल पैदा करता है। पानी में जब भूस्खलन की वजह से दबाव बढ़ता है तो सुनामी उत्पन्न हो सकती है। वहीं ज्वालामुखी विस्फोट के कारण भी सुनामी उत्पन्न होने का खतरा रहता है।  

ज्‍वालामुखी से उत्पन्न अब तक के सबसे विनाशकारी सुनामी में से एक, इंडोनेशिया में क्राकाटोआ (क्राकाटाऊ) के ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद 26 अगस्त, 1883 को उत्पन्न हुआ था। इस विस्फोट ने 135 फीट तक पहुंचने वाली लहरें पैदा कीं, जावा और सुमात्रा दोनों द्वीपों में सुंडा जलडमरूमध्य के साथ तटीय शहरों और गांवों को नष्ट कर दिया, जिससे 36,417 लोग मारे गए। 

असाधारण टकराव

एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल टक्कर ( क्षुद्रग्रह, उल्का) के कारण होने वाली सुनामी एक अत्यंत दुर्लभ घटना है। हाल के इतिहास में कोई उल्का / क्षुद्रग्रह से सुनामी दर्ज नहीं की गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इन आकाशीय पिंड महासागर पर गिरते हैं, तो निस्संदेह एक बड़ी मात्रा में पानी सुनामी का कारण बन सकता है।

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