यह परमाणु संपन्न मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. एक महीने के अंदर पृथ्वी-2 मिसाइल का यह परीक्षण है.
भारत ने 16 दिसंबर 2020 को ओडिशा के बालासोर के तट से दो पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डीआरडीओ की तरफ से विकसित की गई इन मिसाइलों का परीक्षण सफल रहा. परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ और आइटीआर से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद रहे.
यह परमाणु संपन्न मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. एक महीने के अंदर पृथ्वी-2 मिसाइल का यह परीक्षण है. इसी साल 20 नवंबर को ओडिशा तट से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था. भारत ने एक महीने में आठ नई और पुराने किस्म की मिसाइलों का सुबह और रात को सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
मोबाइल लॉन्चर से दागा गया
डीआरडीओ के एक अधिकारी के अनुसार, 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल को आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से एक मोबाइल लॉन्चर से दागा गया. उन्होंने कहा कि मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर रडारों, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली और टेलीमेट्री केंद्रों से नजर रखी गई जिसने सभी मानकों को प्राप्त कर लिया.
पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल
पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी तरीके से विकसित किया है. पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है. इस मिसाइल का नाइट ट्रायल लाउंच कॉम्पैक्स-3 से मोबाइल लाउंचर से 7pm से 7.15pm के बीच किया गया.
इससे पहले 01 दिसंबर को, डीआरडीओ द्वारा 300 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज के साथ विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जहाज-रोधी संस्करण ने अपने लक्ष्य जहाज को एक परीक्षण आग में सफलतापूर्वक मार गिराया था.
पृथ्वी-2 मिसाइल की विशेषताएं
पृथ्वी-2 मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जाने में सक्षम है. सतह से सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं. इसे तरल और ठोस दोनों तरह क ईंधन से संचालित किया जाता है.
यह मिसाइल परंपरागत और परमाणु, दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है. 8.56 मीटर लंबी,1.1 मीटर चौड़ी और 4,600 किलोग्राम वजन वाली यह मिसाइल 483 सेकेंड तक और 43.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है.
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