• कब : 13 दिसंबर, 2001
• स्थान : नई दिल्ली, भारत
• हमले का प्रकार : मास शूटिंग तथा आत्मघाती बम विस्फोट।
• शहीद हुए : 6 पुलिसकर्मी, 2 संसद सुरक्षाकर्मी, और एक बागवान (माली)।
• मारे गए : 05 आंतकवादी।
• हमले के जिम्मेवार : लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद संगठन।
• निष्कर्ष के बाद, जांच एजेंसी ने 14 मई 2002 में चार मुख्य अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (भारत) की धारा 173 के तहत रिपोर्ट दर्ज की । भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए और आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002 (पोटा), तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत उन पर निर्दिष्ट सत्र न्यायालय द्वारा मुकदमा दायर किया । इस विशेष न्यायालय की अध्यक्षता एसएन ढींगरा ने की थी ।
• मुकदमे का समापन : रिकार्ड 6 महीने में ।
• श्रेय : दिल्ली पुलिस के दो अधिकारियों, एसीपी राजबीर सिंह और मोहन चंद शर्मा को इस मामले में प्रथम दृष्टया सबूत जुटाने का श्रेय दिया गया था। परन्तु दुर्भाग्य से ये दोनों अधिकारी वर्तमान में हमारे बीच नहीं है।
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