इस अभ्यास का उद्देश्य तटीय रक्षा और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की तैयारियों का आकलन करना है.
तटीय रक्षा अभ्यास 'सी विजिल -21' 12 जनवरी को दूसरी बार शुरू किया गया है और यह 13 जनवरी, 2021 तक जारी रहेगा. भारतीय नौसेना द्वारा यह अभ्यास पूरे 7,516 किलोमीटर के समुद्र तट और भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र सहित किया जाएगा. इसमें सभी 13 तटीय राज्यों के साथ-साथ विभिन्न केंद्र शासित प्रदेश (UTs) और अन्य समुद्री हितधारक भी शामिल होंगे, जिसमें तटीय और मछली पकड़ने वाले समुदाय शामिल हैं.
भारतीय नौसेना की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद पूरी तटीय सुरक्षा का पुनर्गठन किया गया था, जिसे समुद्री मार्ग के माध्यम से शुरू किया गया था.
महत्व
यह तटीय सुरक्षा अभ्यास समुद्री सुरक्षा और तटीय रक्षा के क्षेत्र में तैयारियों का आकलन करने के लिए शीर्ष स्तर पर एक अवसर प्रदान करेगा. यह अभ्यास ‘सी विजिल - 21’ भारत की ताकत और कमजोरियों का एक यथार्थवादी मूल्यांकन करेगा. यह राष्ट्रीय और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में भी मदद करेगा.
मुख्य विशेषताएं
इस तटीय रक्षा अभ्यास के पैमाने और वैचारिक विस्तार के बारे में अगर हम बात कर तो, सी विजिल - 21 में शामिल हितधारकों की संख्या, भौगोलिक सीमा, हासिल किये जा सकने वाले उद्देश्यों की शर्तों के साथ-साथ इस अभ्यास में भाग लेने वाली इकाइयों की संख्या के संदर्भ में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.
यह ‘TROPEX- थिएटर स्तर की तत्परता परिचालन अभ्यास’ के लिए एक बिल्ड-अप भी है जो भारतीय नौसेना द्वारा हर दो साल में आयोजित किया जाता है.
TROPEX और सी विजिल एक साथ समुद्री सुरक्षा चुनौतियों के पूरे विस्तार को कवर करेंगे, जिसमें शांति से संघर्ष तक के सभी पहलू भी शामिल हैं.
भारतीय नौसेना के प्रमुख सहयोगी, कस्टम विभाग, तटरक्षक और अन्य समुद्री एजेंसियां भी इस सी- विजिल अभ्यास में भाग ले रही हैं.
सी विजिल के बारे में
भारत का यह सबसे बड़े तटीय रक्षा अभ्यास, ‘सी विजिल एक्सरसाइज’ यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि देश की तटीय सुरक्षा अजेय हैं. इस अभ्यास में यह भी आश्वासन दिया गया है कि, वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद, देश की तटीय सुरक्षा में कमियां अब दूर कर दी गई हैं. इस अभ्यास का शुभारंभ जनवरी, 2019 में किया गया था.
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