▪️ ICGS C-453 :
• यह एक 80 मीटर लंबी इंटरसेप्टर नाव है।
• इस नाव में 105 टन का विस्थापन क्षमता है।
• यह अधिकतम 45 समुद्री मील (85 किमी प्रति घंटे) की गति प्राप्त कर सकती है।
• यह निगरानी, तटीय गश्ती, खोज और बचाव जैसे कार्यों को करने में सक्षम है।
• यह समुद्र में संकट की स्थिति में नौकाओं को सहायता भी प्रदान करेगी।
• इसमें एडवांस्ड नेविगेशन और संचार उपकरण शामिल हैं।
• यह इंटरसेप्टर बोट चेन्नई में तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर के संचालन नियंत्रण में होगी।
▪️ इंटरसेप्टर नाव के कार्य :
तट रक्षक चार्टर के अनुसार विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी करने के लिए जहाज को तैनात किया जाएगा। इससे भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।
▪️ विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) :
United Nations Convention on the Law of the Sea, 1982 के अनुसार, विशेष आर्थिक क्षेत्र समुद्र में एक क्षेत्र है जिसके लिए एक संप्रभु राष्ट्र अन्वेषण के लिए एक विशेष अधिकार का मालिक है। इसमें बेसलाइन से लेकर किसी भी देश के तट से 200 समुद्री मील (nmi) तक का क्षेत्र शामिल है। इसमें महाद्वीपीय शेल्फ भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसमें 200 समुद्री मील की सीमा से परे क्षेत्रीय समुद्र या महाद्वीपीय शेल्फ शामिल नहीं है।
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