यदि संभव हो तो किसी पुण्यस्थल-तीर्थस्थल (गंगा/नर्मदा आदि पवित्र नदियों के तट पर जावें)
सर्वप्रथम तीर्थदेवताओं को नमस्कार करें।
वहाँ स्नान करें।
शिखा हेतु मुण्डन करवाने से पूर्व दाहिने हाथ को मस्तक पर रखकर बोलें-
"आत्मनः शुद्धिकामोहं पितृणां तृप्तिहेतवे।
वपनं कारयिष्यामि तीर्थेहं तव जाह्नवि/नर्मदा।।"
तत्पश्चात मुण्डन करवाएँ और गौमाता के खुर जितनी मोटी शिखा रखें। (शिखा रखते समय शिखा का झुकाव दाहिने कान की ओर रखें)
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