तुम चाहो तो लक्ष्य को भेद कर

तुम चाहो तो आसमान को मुट्ठी मे बंद कर लो ।
चढ़ कर नभ में सूरज से दो-दो हाथ कर लो ।
संकल्प से रुख मोड़ दो इन बदचलन हवाओं का
अगर तुम चाहो तो...
"#लक्ष्य" को भेद कर सफलता से आँखे चार कर लो ।

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