मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय का चयन......
बहुत बड़ा सवाल है की वैकल्पिक विषय क्या लिया जाये, लोग महीनों ख़राब कर लेते हैं केवल इसी उधेड़बुन में, कई बार तो हालात ऐसे भी हो जाते है की प्रारंभिक परीक्षा तो पास कर ली, मुख्य परीक्षा दरवाजे पर दस्तक दे रही है पर यक्ष प्रश्न का उत्तर नहीं मिल पाया, ऐसे में असफलता निश्चित है।
फिर क्या किया जाय, किस से पूछें, कौन बताएगा की क्या करे? क्या स्नातक के विषय को ही ले ले या कोई नया विषय लें?
देखिये पहली बात तो ये है की PCS में लिए जाने वाले वैकल्पिक विषयों का आपके स्नातक के विषयों से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। कई इंजीनियर्स मानविकी के विषयों से परीक्षा देते है और सफल भी होते हैं।
दूसरी और सबसे आवश्यक बात, किन विषयों को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनना है इसका निर्णय आपको खुद करना चाहिए अपनी रुचियों के अनुसार, दूसरा व्यक्ति इसमें आपको उतनी बेहतर राय नहीं दे सकता। अगर मुझे गणित पसंद है तो मैं आपको गणित चुनने को कहूँगी जबकि हो सकता है की वो आपको पसंद ना हो लेकिन मेरे कहने की वजह से आप ले लें और अपना कीमती साल बर्बाद कर डालें।
बेहतर ये है की आप सबसे पहले सिलेबस खरीदें, गहनता से बार बार पढ़े फिर उसमे दिए गए विषयों में से वो सारे विषय छांट ले जिनमे आपकी रूचि है उसके बाद देखे की इन सबमे से आप किस विषय में बेहतर कर सकते है।अगर चुने गए विषय आपकी रूचि के है और आपने पूरी ईमानदारी बरतते हुई स्तरीय अध्ययन सामग्री से पढाई की है तो फिर आपको कोई नहीं रोक सकता।
बहुत बड़ा सवाल है की वैकल्पिक विषय क्या लिया जाये, लोग महीनों ख़राब कर लेते हैं केवल इसी उधेड़बुन में, कई बार तो हालात ऐसे भी हो जाते है की प्रारंभिक परीक्षा तो पास कर ली, मुख्य परीक्षा दरवाजे पर दस्तक दे रही है पर यक्ष प्रश्न का उत्तर नहीं मिल पाया, ऐसे में असफलता निश्चित है।
फिर क्या किया जाय, किस से पूछें, कौन बताएगा की क्या करे? क्या स्नातक के विषय को ही ले ले या कोई नया विषय लें?
देखिये पहली बात तो ये है की PCS में लिए जाने वाले वैकल्पिक विषयों का आपके स्नातक के विषयों से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। कई इंजीनियर्स मानविकी के विषयों से परीक्षा देते है और सफल भी होते हैं।
दूसरी और सबसे आवश्यक बात, किन विषयों को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनना है इसका निर्णय आपको खुद करना चाहिए अपनी रुचियों के अनुसार, दूसरा व्यक्ति इसमें आपको उतनी बेहतर राय नहीं दे सकता। अगर मुझे गणित पसंद है तो मैं आपको गणित चुनने को कहूँगी जबकि हो सकता है की वो आपको पसंद ना हो लेकिन मेरे कहने की वजह से आप ले लें और अपना कीमती साल बर्बाद कर डालें।
बेहतर ये है की आप सबसे पहले सिलेबस खरीदें, गहनता से बार बार पढ़े फिर उसमे दिए गए विषयों में से वो सारे विषय छांट ले जिनमे आपकी रूचि है उसके बाद देखे की इन सबमे से आप किस विषय में बेहतर कर सकते है।अगर चुने गए विषय आपकी रूचि के है और आपने पूरी ईमानदारी बरतते हुई स्तरीय अध्ययन सामग्री से पढाई की है तो फिर आपको कोई नहीं रोक सकता।
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