Follow Us 👇

Sticky

तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

सर्वोच्च न्यायालय: राजनीतिक पार्टियों को देना होगा दानकर्ताओं का ब्योरा।।

सर्वोच्च न्यायालय ने 12 अप्रैल को चुनावी बांड योजना पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि राजनीतिक दलों को दान देने वाले हर दानकर्ता का ब्योरा देना चाहिए। सारा ब्योरा चुनाव आयोग को 30 मई तक बंद लिफाफे में पहुंचा देना चाहिए।
यह निर्देश प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने दिया। यह आदेश एक स्वयं सेवी संगठन की याचिका पर दिया गया।

हालांकि चुनाव आयोग की राय इसके विपरीत अपनी बात रखी थी।  केंद्र सरकार ने इस संबंध में अपनी राय रखते हुए शीर्ष अदालत को बताया कि तंत्र में कालेधन के प्रवाह पर रोक लगाने में दानदाताओं के नाम अज्ञात रखना क्यों एक सकारात्मक कदम है।
एटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने अपना तर्क देते हुए कहा, ‘चुनावी बांड का मकसद राजनीतिक वित्तपोषण में कालेधन को समाप्त करना है, क्योंकि सरकार की ओर से चुनाव के लिए कोई धन नहीं दिया जाता है और राजनीतिक दलों को समर्थकों, अमीर लोगों आदि से धन मिलता है। 

धन देने वाले चाहते हैं कि उनका राजनीतिक दल सत्ता में आए. ऐसे में अगर उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आती है तो उनको इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है, इसलिए गोपनीयता जरूरी है। ”

सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कई कंपनियां विभिन्न कारणों से अपना नाम अज्ञात रखना चाहती हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी किसी दल को धन देती है और वह सत्ता में नहीं आती है तो कंपनी को उसके शेयरधारक दंडित कर सकते हैं।
एटॉर्नी जनरल ने कहा कि चुनावी बांड द्वारा दिया गया दान सही मायने में सफेद धन होता है।  उन्होंने कहा कि अगर एजेंसियां धन के स्रोत को सुनिश्चित करना चाहती हैं तो वे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से जांच कर सकती हैं।

Join me on Google Pay, a secure app for money transfers, bills and recharges. Enter my code 9T2GS to earn ₹101 back on your first payment!

https://g.co/payinvite/9T2GS

0 comments: