नाग केसर के विविध चमत्कारिक उपाय
मेंहदी के पौधे के समान लगने वाले सहज, सुलभ, सस्ता, पवित्र व प्रभावशाली पौधा तांत्रिक साधना में अति महत्वपूर्ण होता है। नागकेसर के सूखे फूल औषध, मसाले और रंग बनाने के काम में आते हैं। इनके रंग से प्रायः रेशम रँगा जाता है। श्री लंका में बीजों से गाढा, पीला तेल निकालते हैं, जो दीया जलाने और दवा के काम में आता है।
तमिलनाडु में इस तेल को वातरोग में भी मलते हैं। इसकी लकड़ी से अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। आईये जानते है नागकेशर और किन-किन कामों में लाभकारी सिद्ध होती है।
नागकेसर के चमत्कारिक उपाय
समृद्धि कारक-पीले कपड़े में नाग केशर, हल्दी, सुपारी, ताॅबे का एक सिक्का व चावल लेकर फिर धूप-दीप से पूजन करके शिव के सम्मुख रखकर यदि गल्ले या दुकान में रखेगें तो समृद्धि आयेगी।
ओज वृद्धि-नागकेशर, चमेली के पुष्प, अगर, तगर, कुमकुम व घी का लेप बनाकर मस्तक पर लगाने से व्यक्ति तेजवान बनता है।
व्यक्तित्व की तरफ आकर्षित होना है तो
आकर्षण करने हेतु-रविपुष्य योग में या किसी शुभ तिथि में नागकेशर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुमकुम, गाय का घी इन्हें घोटकर तिलक करने से लोग आपके व्यक्तित्व की तरफ आकर्षित होंगे।
गर्भवती-पीपल, सोंठ, कालीमिर्च और नागकेसर इन सभी को बराबर मात्रा में पीसकर छान लें उसके बाद इसमें घी मिलाकर 7 दिन तक लगातार खाने से बाॅझ स्त्री को भी स्त्री भी गर्भवती हो जाती है।
गर्भ ठहराने के लिए
नागकेसर और सुपारी का चूर्ण सेंवन करने से भी गर्भ ठहर जाता है।
पुत्रजीव वृक्ष की जड़ को दूध में पीसकर पीने सु पुत्र दीर्घायु होता है।
पुत्रजीव वृक्ष की जड़ और देवदारू इन दोनों को दूध में पीसकर पीने से पुत्र अवश्य होता है।
माशे नागकेशर, गाय के दूध के साथ 7 दिन तक पीने से बाॅझ स्त्री को भी पुत्र की प्राप्ति होती है।
धन प्राप्ति के लिए
जिस पूर्णिमा को सोमवार हो, उस दिन नागकेशर के फूल लेकर शिवलिंग पर पाॅच बेलपत्र के साथ चढ़ायें व चढ़ाने से पूर्व शिवलिंग को कच्चे दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल, से धोकर पवित्र कर लें। बेलपत्र व नागकेशर की संख्या बराबर होनी चाहिए। ये नित्य प्रति अगली पूर्णिमा तक चढ़ाते रहें। अंतिम दिन चढ़ाये गये फूल व बेलपत्र में से एक पुष्प अपने साथ लाकर घर, दुकान या आॅफिस में लाकर रखें। ऐसा करने से धीमे-धीमे धन की स्थिति मजबूत होने लगती है।
वास्तुदोष को दूर करने में मदद करता है
खूनी बवासीर-नागकेसर के चूर्ण मिश्री या मखक्कन के साथ मिलाकर खाने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।
वास्तु दोष-भवन के वास्तुदोष को दूर करने के लिए नागकेसर की लकड़ी से हवन करने से वास्तुदोष खत्म होते है
मेंहदी के पौधे के समान लगने वाले सहज, सुलभ, सस्ता, पवित्र व प्रभावशाली पौधा तांत्रिक साधना में अति महत्वपूर्ण होता है। नागकेसर के सूखे फूल औषध, मसाले और रंग बनाने के काम में आते हैं। इनके रंग से प्रायः रेशम रँगा जाता है। श्री लंका में बीजों से गाढा, पीला तेल निकालते हैं, जो दीया जलाने और दवा के काम में आता है।
तमिलनाडु में इस तेल को वातरोग में भी मलते हैं। इसकी लकड़ी से अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। आईये जानते है नागकेशर और किन-किन कामों में लाभकारी सिद्ध होती है।
नागकेसर के चमत्कारिक उपाय
समृद्धि कारक-पीले कपड़े में नाग केशर, हल्दी, सुपारी, ताॅबे का एक सिक्का व चावल लेकर फिर धूप-दीप से पूजन करके शिव के सम्मुख रखकर यदि गल्ले या दुकान में रखेगें तो समृद्धि आयेगी।
ओज वृद्धि-नागकेशर, चमेली के पुष्प, अगर, तगर, कुमकुम व घी का लेप बनाकर मस्तक पर लगाने से व्यक्ति तेजवान बनता है।
व्यक्तित्व की तरफ आकर्षित होना है तो
आकर्षण करने हेतु-रविपुष्य योग में या किसी शुभ तिथि में नागकेशर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुमकुम, गाय का घी इन्हें घोटकर तिलक करने से लोग आपके व्यक्तित्व की तरफ आकर्षित होंगे।
गर्भवती-पीपल, सोंठ, कालीमिर्च और नागकेसर इन सभी को बराबर मात्रा में पीसकर छान लें उसके बाद इसमें घी मिलाकर 7 दिन तक लगातार खाने से बाॅझ स्त्री को भी स्त्री भी गर्भवती हो जाती है।
गर्भ ठहराने के लिए
नागकेसर और सुपारी का चूर्ण सेंवन करने से भी गर्भ ठहर जाता है।
पुत्रजीव वृक्ष की जड़ को दूध में पीसकर पीने सु पुत्र दीर्घायु होता है।
पुत्रजीव वृक्ष की जड़ और देवदारू इन दोनों को दूध में पीसकर पीने से पुत्र अवश्य होता है।
माशे नागकेशर, गाय के दूध के साथ 7 दिन तक पीने से बाॅझ स्त्री को भी पुत्र की प्राप्ति होती है।
धन प्राप्ति के लिए
जिस पूर्णिमा को सोमवार हो, उस दिन नागकेशर के फूल लेकर शिवलिंग पर पाॅच बेलपत्र के साथ चढ़ायें व चढ़ाने से पूर्व शिवलिंग को कच्चे दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल, से धोकर पवित्र कर लें। बेलपत्र व नागकेशर की संख्या बराबर होनी चाहिए। ये नित्य प्रति अगली पूर्णिमा तक चढ़ाते रहें। अंतिम दिन चढ़ाये गये फूल व बेलपत्र में से एक पुष्प अपने साथ लाकर घर, दुकान या आॅफिस में लाकर रखें। ऐसा करने से धीमे-धीमे धन की स्थिति मजबूत होने लगती है।
वास्तुदोष को दूर करने में मदद करता है
खूनी बवासीर-नागकेसर के चूर्ण मिश्री या मखक्कन के साथ मिलाकर खाने से खूनी बवासीर में लाभ मिलता है।
वास्तु दोष-भवन के वास्तुदोष को दूर करने के लिए नागकेसर की लकड़ी से हवन करने से वास्तुदोष खत्म होते है
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