भारत में प्रत्येक साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज ही के दिन अर्थात 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बापू की पुण्यतिथि को प्रत्येक साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस वर्ष भारत महात्मा गांधी की 72 वीं पुण्यतिथि मना रहा है. गांधीजी अपने जीवनकाल के दौरान अपने विचारों और सिद्धांतों के लिए जाने जाते हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर ट्वीट किया कि वे उन सभी लोगों को सलाम करती हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया.
महात्मा गांधी की हत्या
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को कर दी गई थी. नाथूराम गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी को गोली मार दी थी. वे उस समय 78 वर्ष के थे. बापू के मुंह से निकले आखिर शब्द 'हे राम' थे. गोडसे भारत के विभाजन पर गांधी के विचारों से सहमत नहीं था. इस दिन के अलावा, 23 मार्च को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उस दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.
इस दिन क्या होता है?
शहीद दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. सभी गणमान्य व्यक्ति भी गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके बहादुर योगदान को याद करते हैं.
महात्मा गांधी के बारे में
• महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर से ही हुई थी. अपने स्कूली पढ़ाई के दौरान गांधी काफी सामान्य छात्र रहे थे. उन्होंने 13 साल की उम्र में शादी की और पिता के बीमार होने के चलते भी स्कूल में संघर्ष किया.
• वे साल 1888 में वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन गए. वे जून 1891 में वकालत की पढ़ाई पूरी कर देश लौटे थे. वे साल 1893 में गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के वकील के तौर पर काम करने हेतु दक्षिण अफ्रीका गए थे.
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