सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को भारत में उपयुक्त निवास स्थान पर अफ्रीकी चीतों (African_Cheetahs) के पुनर्स्थापना (Reintroduction) की अनुमति दी।।

❇️मई 2012 में सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश में कूनों पालपुर वन्यजीव अभयारण्य में विदेशी चीतों को लाने की योजना पर रोक लगा दी थी।

❇️किसी प्रजाति के  पुनर्स्थापना  का मतलब है कि इसे उस क्षेत्र में रखना जहाँ यह जीवित रहने में सक्षम है।

❇️सर्वोच्च न्यायालय ने अफ्रीकी चीतों को बसाने की यह अनुमति राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान दी।

🔰एशियाई चीता ( #Asiatic_Cheetah):✅

❇️एशियाई चीता को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की लाल सूची में  ‘अति संकटग्रस्त’ (Critically Endangered)  श्रेणी में रखा गया है और माना जाता है कि यह केवल ईरान में ही पाया जाता है।

❇️यह अफ्रीकी चीता की तुलना में छोटा और मटमैला होता है इसका सिर छोटा और गर्दन लंबी होती है।

❇️भारत सरकार ने वर्ष 1951-52 में आधिकारिक रुप से एशियाई चीता को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया।

🔰अफ्रीकी चीता ( #African_Cheetah):✅

❇️इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की लाल सूची में   ‘सुभेद्य’ (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है।

❇️इसका आकार एशियाई चीता की तुलना में बड़ा होता है। वर्तमान में लगभग 6,500-7,000 अफ्रीकी चीते मौजूद हैं।

❇️भारत सरकार ने अफ्रीकी प्रजाति के चीतों को भारत में लाने के लिये  प्रोजेक्ट चीता (Project Cheetah) परियोजना  की शुरुआत की है।

❇️प्रोजेक्ट चीता के तहत  मध्य प्रदेश के कूनों पालपुर वन्यजीव अभयारण्य और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य के अलावा राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में शाहगढ़  का चयन किया गया है। इन अभयारण्यों में नामीबिया से अफ्रीकी प्रजाति के चीते लाए जाएंगे।

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