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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान(Ranthambore National Park)।।

अवस्थिति:-
०  रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले (अरावली और विंध्य पर्वत शृंखलाओं के जंक्शन पर) में स्थित है।

भौगोलिक विस्तार:-
०  अरावली पहाड़ियों और विंध्य पठार के आसपास के क्षेत्र में स्थित, रणथम्भौर वन 1334 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला है, जिसमें 392 वर्ग किमी. क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया है।

०   रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण में चंबल नदी और उत्तर में बनास नदी से घिरा हुआ है।

०   चंबल नदी:- 

०  चंबल नदी का  उद्गम विंध्याचल शृंखला के जानापाओ पहाड़ियों  से होता है।

०  यह मालवा पठार से होकर बहती है और उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में यमुना में मिलती है।

०   चंबल नदी पर निर्मित बांध: 

०  इस नदी पर गांधी सागर बांध, राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध, कोटा बैराज बनाए गए हैं

०  बनास नदी: 

०   बनास, चंबल की एक सहायक नदी है।

०  इसका उद्गम अरावली पर्वत शृंखला के दक्षिणी भाग से होता है।

०  यह सवाई माधोपुर के पास राजस्थान-मध्य प्रदेश की सीमा पर चंबल से मिलती है।

वनस्पति:

०  रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पतियाँ उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती एवं कंटीली होती हैं।

०  यहाँ  ढाक (इसके अन्य नाम पलाश, छूल, परसा, टेसू, किंशुक, केसू हैं।)  नामक वृक्ष पाया जाता है, जो सूखे की लंबी अवधि के अनुकूल होता है।

०  इसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea Monosperma) है।

०  इस वृक्ष में ग्रीष्मकाल में लाल फूल आते हैं इन आकर्षक फूलों के कारण इसे  ‘जंगल की आग’  भी कहा जाता है।

ऐतिहासिक घटनाक्रम:-

०  इस उद्यान को वर्ष  1955 में ‘वन्यजीव अभयारण्य’  घोषित किया गया और वर्ष  1973 में इसे ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत बाघ संरक्षण का दर्जा  दिया गया तथा वर्ष 1980 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला।

इसमें अभयारण्य शामिल हैं?

०  रणथम्भौर के निकटवर्ती जंगलों को वर्ष 1984 में सवाई मानसिंह अभयारण्य (Sawai Mansingh Sanctuary) और केलादेवी अभयारण्य (Keladevi Sanctuary) घोषित किया गया था।

०  वर्ष 1991 में रणथम्भौर टाइगर रिज़र्व का विस्तार सवाई मानसिंह और केलादेवी अभयारण्यों तक किया गया।

०  इस उद्यान में तीन बड़ी झीलें- पदम तालाब (Padam Talab), मलिक तालाब (Malik Talab) और राज बाग तालाब (Raj Bagh Talab) हैं।

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