इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष और भारत:-

❇️ भारत ने आज़ादी के पश्चात् लंबे समय तक इज़राइल के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं रखे, जिससे यह स्पष्ट था कि भारत फिलिस्तीन की मांगों का समर्थन करता है, किंतु वर्ष 1992 में इज़राइल से भारत के औपचारिक कूटनीतिक संबंध बने और अब यह रणनीतिक संबंध में परिवर्तित हो गए हैं तथा अपने उच्च स्तर पर हैं।

❇️ दूसरी ओर, भारत-फिलिस्तीन संबंध प्रारंभ से ही काफी घनिष्ठ रहे हैं तथा भारत फिलिस्तीन की समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील रहा है। फिलिस्तीन मुद्दे के साथ भारत की सहानुभूति और फिलिस्तीनियों के साथ मित्रता बनी रहे, यह सदैव ही भारतीय विदेश नीति का अभिन्न अंग रहा है।

❇️ ज्ञात हो कि वर्ष 1947 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन के विभाजन के विरुद्ध मतदान किया था।

❇️ भारत पहला गैर-अरब देश था, जिसने वर्ष 1974 में फिलिस्तीनी जनता के एकमात्र और कानूनी प्रतिनिधि के रूप में फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन को मान्यता प्रदान की थी। साथ ही भारत वर्ष 1988 में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में शामिल था।

❇️ भारत ने फिलिस्तीन से संबंधित कई प्रस्तावों का समर्थन किया है, जिनमें सितंबर 2015 में सदस्य राज्यों के ध्वज की तरह अन्य प्रेक्षक राज्यों के साथ संयुक्त राष्ट्र परिसर में फिलिस्तीनी ध्वज लगाने का भारत का समर्थन प्रमुख है।

❇️ फिलिस्तीन का समर्थन करने के अलावा भारत ने इज़राइल का भी काफी समर्थन किया है और दोनों देशों के साथ अपनी संतुलित नीति बरकरार रखी है।

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