हर साल 25 अप्रैल को विश्व स्तर पर विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में मलेरिया के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
✅ विश्व मलेरिया दिवस 2020: विषय
विश्व मलेरिया दिवस 2020 का विषय "Zero malaria starts with me" है। डब्ल्यूएचओ ने मलेरिया को खत्म करने और "Zero malaria starts with me" विषय को बढ़ावा देने के लिए आरबीएम के साथ साझेदारी की है। यह राजनीतिक एजेंडे में मलेरिया को सबसे ऊपर रखने के उद्देश्य से जमीनी स्तर पर चलाया जाने वाला अभियान है, साथ ही जिसका लक्ष्य संसाधनों को जुटाना समुदायों को मलेरिया की रोकथाम और देखभाल के लिए सशक्त बनाना है।
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास:
विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत अफ्रीका मलेरिया दिवस के रूप में हुई थी, जिसे पहली बार साल 2008 में मनाया गया था। मूल रूप से यह मलेरिया के बारे जागरूक करने का एक अवसर है जो 2001 के बाद से अफ्रीकी सरकारों द्वारा मनाया जा रहा था। उन्होंने प्रगति के लक्ष्य को ध्याम में रखते हुए काम किया जिसका उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करना और अफ्रीकी देशों में इसकी मृत्यु दर को घटाना था।
विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया गया कि दुनिया भर के देशों में मलेरिया के अस्तित्व की पहचान करने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए ताकि मलेरिया जैसे रोग से विश्व स्तर पर लड़ने का प्रयास किया जा सके।
मलेरिया से जुड़े तथ्य
मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है।
परजीवी को संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों (Anopheles mosquitoes) के काटने के माध्यम से मनुष्यों में हो सकता है जिन्हें 'मलेरिया वैक्टर' भी कहा जाता है. जब मच्छर के काटने से परजीवी खून में पंहुच जाता है.
मलेरिया एक प्रकार बुखार (febrile illness) है, जिसके लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 10-15 दिनों बाद दिखाई देते हैं. प्रारंभिक अवस्था में, इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द और ठंड लगना हैं।
डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड; डब्लूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस एडहानॉम.
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