बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाज़े पर लिखे थे :

❝ सेवा करनी है तो - घड़ी मत देखो ❞
❝ प्रसाद लेना है तो - स्वाद मत देखो ❞
❝ सत्संग सुनाना है तो - जगह मत देखो ❞
❝ बिनती करनी है तो - स्वार्थ मत देखो ❞
❝ समर्पण करना है तो - खर्चा मत देखो ❞
❝ रहमत देखनी है तो - जरूरत मत देखो ❞

❝ जीत ❞ किसके लिए ,
❝ हार ❞ किसके लिए , 
❝ ज़िंदगी भर ❞ ये ❝ तकरार ❞ किसके लिए.. 
जो भी ❝ आया' है वो ❝ जायेगा ❞ एक दिन यहाँ से , 
फिर ये ❝ इंसान ❞ को इतना ❝ अहंकार ❞ किसके लिए.

   🙏 जय श्री कृष्णा 🙏

════════════════════

0 comments:

Post a Comment

We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.