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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

वैश्विक प्रशासन से अपेक्षाएं

ये सोचना बिल्कुल गलत होगा कि अगर महामारी के विषय को सुरक्षा का मुद्दा बना कर राज्य की शक्तियों का केंद्रीकरण कर दिया जाए, तो सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

अगर हम इस बीमारी को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखें, तो हम पाते हैं कि प्लेग और इससे जुड़ी समस्याओं को तमाम समुदायों ने किस तरह से हल किया। ये आम तौर पर इस बात पर निर्भर करता है कि कोई समुदाय किस बीमारी को किस नज़रिए से देखता है। ऐसे में हो सकता है कि कोई बीमारी किसी सामाजिक ग़लती का नतीजा न भी हो, तो भी बीमारी को लेकर कोई समाज कैसा रुख़ अपनाता है, इसी से तय होता है कि इंसान किसी बीमारी पर कैसे नियंत्रण पाता है।

 दुनिया भर में फैली कोविड-19 की महामारी, इस आख़िरी बिंदु को और विस्तार से समझाती है पूरी दुनिया में सुरक्षा कर्मी पहले ही स्वास्थ्य कर्मियों की मदद का बोझ उठा रहे हैं ताकि बिना किसी भूल के क्वारंटीन सुनिश्चित किया जा सके।जबकि उन्हें तो इस बात की उचित ट्रेनिंग भी नहीं मिली है । बहुत देशों में तो पूरी की पूरी सरकारी मशीनरी इस अकेली समस्या का समाधान करने में लगा दी गई है जबकि अभी तक दुनिया इस समस्या को पूरी तरह से समझ भी नहीं सकी है।

ऐसे संकट के समय, एक तीव्र वैश्विक प्रतिक्रिया का अभाव स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है जबकि दुनिया भर में आम जनता वैश्विक प्रशासन के लिए ज़िम्मेदार संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं अमेरिका अपने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में इस महामारी का सामना करने में लड़खड़ा रहा है जबकि यूरोपीय संघ के सदस्य देश आज अलग अलग दिशाओं में चल रहे हैं महामारी को हराने के लिए अलग नीतियां अपना रहे हैं चीन और रूस जैसे तानाशाही देश अपने अपने देश की प्रशासनिक व्यवस्था को बचाने में जुटे हुए हैं । जबकि उन्हें चाहिए था कि वो इस महामारी से निपटने के लिए विश्व स्तर पर प्रयास करते लेकिन, अब कोविड-19 की महामारी जिस स्तर पर फैल चुकी है, उसमें ये साफ है कि सभी देशों के अलग अलग इससे लड़ने का समय समाप्त हो चुका है।

 आज ज़रूरत इस बात की है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इस महामारी से जुड़ी चुनौती को तुरंत अपने अंर्तगत ले। सुरक्षा परिषद को चाहिए कि वो वैश्विक समुदाय को एकजुट करके इस महामारी से निपटने के लिए आपसी सहयोग के लिए बाध्य करे। इसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का विषय बनाए।

 वैश्विक प्रशासन के भागीदार देश यानी सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों को चाहिए कि वो इस चुनौती का सामना करने के लिए आगे आएं और दुनिया के सामने ऐसा समाधान पेश करें, जिससे कोविड-19 के मसले को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का विषय मान कर पूरी दुनिया इसे सही समय पर विश्व को तबाह होने से रोक ले।

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