अन्त में हमेशा म् लगाओ।
सुन्दरम्। पुष्पम्। √
सुन्दरं । पुष्पं । ×
आगे स्वर हो तो म् लगाओ।
सुन्दरम् अस्ति। पुष्पम् अस्ति। √
सुन्दरं अस्ति। पुष्पं अस्ति। ×
जब आगे व्यञ्जन हो तो ही अनुस्वार लगाएँ। (जैसे शं करोति)
उसमें भी अगर र् श् ष् स् ह् परे हो तो नित्य।
संरम्भ,संशय, संसकृत, संहार √
सम्रम्भ ×।
अगर दो शब्द की सन्धि हो के एक शब्द बनाओ, और क् से म् परे हो तो ऐच्छिक है अनुस्वार।
अहं+कार =अहङ्कार/अहंकार।
सम्+चय = सञ्चय/संचय, संटीकते संताप/सन्ताप, संपर्क/सम्पर्क आदि।।
यदि सन्धि न करो तो व्यञ्जन परे रहते अनुस्वार ही।
अहं तत्र अस्मि। √
अहम् तत्र अस्मि। ×
अहन्तत्र अस्मि। √
अगर सन्धि से एक शब्द न बना हो, स्वाभाविक एक शब्द हो, तो अनुस्वार नहीं लगा सकते।
सुन्दरम् √
सुंदरम् ×
अन्तिमः √
अंतिमः ×
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