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Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

हनी मिशन कार्यक्रम के तहत प्रवासी श्रमिकों को मिल रहा रोजगार।।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने अपने हनी मिशन कार्यक्रम के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों के लिए स्थानीय और स्व-रोजगार का निर्माण करके 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा प्रयास किया है.

इस मिशन के तहत आजीविका का अवसर प्रदान करने के लिए, MSME राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने 25 अगस्त, 2020 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और सहारनपुर जिलों के 70 प्रवासी श्रमिकों को 700 मधुमक्खी बक्से वितरित किए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान को बढ़ावा देते हुए, KVIC ने इन श्रमिकों की पहचान की थी और इन्हें मधुमक्खी पालन के लिए 5-दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया था और फिर, मधुमक्खी पालन गतिविधियों को संचालित करने के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण-किट और मधुमक्खी-बक्से भी प्रदान किए थे.

मधुमक्खी पालन कैसे रोजगार सृजन में मदद करता है?

KVIC के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने यह बताया कि, मधुमक्खी पालन से न केवल भारत का शहद उत्पादन बढ़ेगा बल्कि इससे मधुमक्खी पालकों की आय भी बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि पराग, मधुमक्खी के मोम, शाही जेली, प्रोपोलिस और मधुमक्खी के जहर जैसे उत्पाद भी बिक्री के योग्य उत्पाद हैं, जो स्थानीय लोगों के लिए एक लाभदायक प्रस्ताव होगा. पंजोकेरा में KVIC के प्रशिक्षण केंद्र में मधुमक्खी के बक्से वितरित किए गए.

प्रवासियों के लिए स्वरोजगार के अवसर 

70 प्रवासी कामगार - सहारनपुर से 40 और बुलंदशहर से 30 कामगार - जिन्हें मधुमक्खी पालन के बक्से दिए गए थे, वे महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों से अपने गृहनगर लौट आए थे. ये राज्य कोविड -19 के दौरान वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं.

जिन प्रवासी श्रमिकों को मधुमक्खी पालन के लिए बक्से प्रदान किए गए थे, उन्होंने सरकारी समर्थन के प्रति अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है और यह कहा है कि, उन्हें अब अन्य राज्यों में नौकरियों की तलाश में जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

इस मधुमक्खी पालन की मदद से, प्रवासी श्रमिकों के लिए उनके दरवाजे पर रोजगार का सृजन किया जाएगा, जिससे वे प्रवासी श्रमिक आत्मनिर्भर बनेंगे.

हनी मिशन के बारे में

वर्ष 2017 में हनी मिशन KVIC द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत के शहद उत्पादन में वृद्धि करते हुए आदिवासियों, किसानों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को मधुमक्खी पालन में लगाकर  करके रोजगार सृजन करना था.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश को शहद उत्पादन के लिए सबसे अनुकूल बाजारों में से एक के तौर पर चुना गया है क्योंकि इस पूरे क्षेत्र में वनस्पतियों की बहुतायत है और जिसमें विभिन्न प्रकार की फसलें भी शामिल हैं.

KVIC ने अब तक जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और असम में 1.35 लाख मधुमक्खी पालन के बक्से वितरित किए हैं. इस कदम से देश भर में 13,500 लोगों को लाभ हुआ है और लगभग 8500 मीट्रिक टन शहद का उभी त्पादन किया गया है.

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