यह क्वाड या चतुर्पक्षीय सुरक्षा संवाद चार लोकतंत्रों - भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है.
भारत जल्दी ही ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ 2 + 2 संवाद के लिए क्वाड मीट की मेजबानी करेगा. इस संदर्भ के लिए सभी जरुरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
इस 3 सितंबर, 2020 को विदेश मंत्रालय द्वारा नियमित साप्ताहिक ब्रीफिंग में राजनयिक क्रियाकलापों के बारे में जानकारी साझा की गई थी.
क्वाड ग्रुपिंग
क्वाड या चतुर्पक्षीय सुरक्षा संवाद चार लोकतंत्रों - भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका का एक समूह है. इन क्वाड देशों में से दो देशों - ऑस्ट्रेलिया और जापान ने भारत की अवसंरचना प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला में भारी निवेश का आश्वासन दिया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी भारत को भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति के रूप में मान्यता दी है और यह देश भारत के साथ एक अत्यंत करीबी संबंध साझा करता है.
यह बैठक इतनी अधिक महत्वपूर्ण क्यों है?
क्वाड बैठक और 2 + 2 वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन के बीच सीमा के गतिरोध के महीनों जारी रहने के बाद चीन के घुसपैठ के प्रयासों को रोकने के लिए मौजूदा तनाव बहुत अधिक है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार, चीन इस चतुर्पक्षीय बैठक और 2 + 2 वार्ता को बहुत बारीकी से देख रहा होगा क्योंकि यह लोकतांत्रिक शक्तियों के इस समूह को खतरे के संकेत के तौर पर देखता है.
क्वाड चीन के लिए चिंता का विषय क्यों है?
जबकि चीन का भारत के साथ पहले से ही सीमा पर गतिरोध चल रहा है, उसे अपने विवादास्पद हांगकांग राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के कारण भी पूरी दुनिया से अपार आलोचना झेलनी पड़ रही है. इस कानून को लोकतंत्र की एक त्रासदी के रूप में देखा जा रहा है.
शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ अपने कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर भी चीन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. चीन पर भारत, अमेरिका और अन्य कई राष्ट्रों द्वारा कथित तौर पर इंटरनेट गोपनीयता भंग करने का भी आरोप लगाया गया है.
सभी द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर यथास्थिति को बदलने की चीन की कोशिश की भी दुनिया भर के कई देशों ने निंदा की है.
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ी हुई सैन्य आक्रामकता ने इस क्षेत्र में स्थित देशों के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी है.
इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोविड -19 की उत्पत्ति पर यह आरोप लगाते हुए एक सवाल उठाया था कि, यह वायरस वुहान में एक चीनी प्रयोगशाला में उत्पन्न हुआ है. ट्रम्प ने कोरोना वायरस को चीनी वायरस भी कहा है.
अमेरिका ने देश में चीनी राजनयिकों और अमेरिकी लोगों के साथ काम करने वाली चीनी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया है. अमेरिका ने तब तक टिकटॉक पर लगभग प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है, जब तक यह अपनी चीनी मूल कंपनी बाइटडांस द्वारा एक अमेरिकी फर्म को बेचा नहीं जाता है.
भारत ने चीनी लिंक वाले कई प्रमुख ऐप पर प्रतिबंध लगाते हुए एक कड़ा कदम उठाया, जिसमें लोकप्रिय वीडियो-साझाकरण प्लेटफ़ॉर्म टिकटॉक और पबजी भी शामिल हैं. भारतीय रेलवे ने अपने चीनी निवेश सौदे को भी रद्द कर दिया है.
पृष्ठभूमि
भारत चीन की जगह ले रहा है और दुनिया के नए उत्पादों और सेवाओं का केंद्र बन गया है. इस समय यह तथ्य बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांश प्रमुख शक्तियां चीन और इसकी वास्तविक मंशाओं के बारे में संदेह कर रही हैं.
क्वाड: अब यहां पढ़ें सारी जरुरी जानकारी
यह क्वाड या चतुर्पक्षीय सुरक्षा संवाद/ वार्ता एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच वर्ष 2007 में शुरू किया गया था. इस मंच की शुरुआत तत्कालीन अमेरिकी प्रधानमंत्री डिक चेंजे, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समर्थन से तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा बातचीत के तौर पर की गई थी.
इन राष्ट्रों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास द्वारा इस संवाद को और अधिक बढ़ावा दिया गया - जिसका शीर्षक एक्सरसाइज मालाबार था. चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य शक्ति की प्रतिक्रिया के रूप में इस राजनयिक व्यवस्था को बड़े पैमाने पर देखा गया था. चीन ने इस मंच के सदस्य देशों को औपचारिक राजनयिक सुरक्षा जारी की थी.
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