भारत के रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि, चीनी सैनिकों के आक्रामक व्यवहार और इस क्षेत्र में यथास्थिति में बदलाव लाने के उनके एकतरफ़ा प्रयासों से भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने इस 04 सितंबर, 2020 को मास्को, रूस में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान चीनी रक्षा मंत्री, जनरल वेई फ़ेंगहे से मुलाकात की. यह बैठक मई, 2020 में शुरू हुए भारत-चीन सीमा गतिरोध के बाद से उच्चतम स्तर की द्विपक्षीय वार्ता का प्रतीक है.
इन दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों पर हालिया घटनाक्रम के प्रभाव के बारे में खुलकर और गहन चर्चा हुई. यह बैठक कुल 2 घंटे 20 मिनट तक चली. हमारे रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह से मिलने के चीनी रक्षा मंत्री के अनुरोध के बाद यह बैठक हुई.
रक्षा मंत्रालय के कार्यालय ने अपनी एक ट्वीट की श्रृंखला में इस बैठक के बारे में सूचित किया और वार्ता के दौरान की गई चर्चा की महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
भारतीय रक्षा मंत्री ने इस बारे में क्या कहा?
केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है.
सिंह ने इस बात पर जोर दिया है कि, चीनी सैनिकों की बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्रित करने की कार्रवाई और उनके आक्रामक व्यवहार और क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयासों के कारण भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है.
उन्होंने यह भी दोहराया कि, भारतीय सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार रुख अपनाया है. लेकिन इसके साथ ही, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए उनके दृढ़ संकल्प के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
भारत-चीन सीमा में शांति कायम करना बहुत जरूरी: राजनाथ सिंह
भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि, दोनों पक्षों को नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिए भारत-चीन सीमा क्षेत्र में धीरज और शांति बनाए रखना आवश्यक है और ऐसा बिलकुल नहीं होना चाहिए कि दोनों पक्ष आपसी मतभेदों को विवाद बनने दें.
उन्होंने आगे चीनी पक्ष से भारतीय पक्ष के साथ काम करने का आग्रह किया ताकि, द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में पैंगोंग झील सहित सभी विवादग्रस्त क्षेत्रों से जल्द से जल्द सैनिकों की पूर्ण वापसी को पूरा किया जा सके.
सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति को जिम्मेदारी के साथ संभाला जाना चाहिए और न ही किसी भी पक्ष को आगे की कार्रवाई करनी चाहिए जो सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को जटिल बना सकती है या मौजूदा तनाव को आगे बढ़ा सकती है. उन्होंने आगे यह कहा कि, दोनों पक्षों को अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए, जिसमें कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से, जल्द से जल्द LAC से सैनिकों की पूर्ण वापसी और उनकी मौजूदा संख्या में कमी करने के साथ ही पूरे सीमा क्षेत्र पर धैर्य और शांति की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करना भी शामिल है.
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