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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

राजस्थान के आभूषण :-

1. सिर - टिकडा, साँकली, तावित, मेंमद, टीडीभलकौ, टीका, बोरला, दामिनी, कलंगी, सिरपेच, मोरमींडली, शीशफूल, रखड़ी (माथे पर बाँधने वाला आभूषण),बोर, हिकड़ा, चुड़ारत्न, बिस्कुल, गोफण (स्त्रियों के बालों में गूंथा जाने वाला आभूषण), पत्री, रतनपेच (पुरूषों के पगड़ी पर धारण करने का आभूषण), गुरड़ा(ग्रामीण पुरूषों का आभुषण), सोहली (महिलाओं द्वारा ललाट पर धारण), वेण

2. नाक - चूनी, बारी, बेसरि, चोप, भंवरिया, नथ, जीधा, लोंग, काँटा, नकेसर

3. कान - पत्ती, सुरलिया/सुरनिया, अंगोटया, ओगन्या, झेला, जमेला, कुंडल, लटकन, मुरकी/मुरकिया (पुरूषों द्वारा), मोरपंख, ऐरन फ्ते/ऐरंग पत्ता, बारेठ, कुड़क, पीपलपत्रा, पाटीसूलिया, लूँग, झुमकी, फूल, कर्णफूल, भुचारिया, पानड़ी, टोटी

4. दाँत - रखन, चूँप, धांस, मेख

5. गला - हालरो, जालरो, हाँसली, चैकी, फूल मूरत, तुलसी, बजटी, बलेवा, निबोरी,ठुस्सी, तिमणियाँ, थमणिया, पोत, चंपाकली, आड, बजरबंटी, पातो, मूठ, खांटला, हमेल, सरी, रामनामी, मादलिया, जुगावली, कांठला (बच्चो का आभूषण), साँकली, ठाला, झालर, जंतर, हाँकर, मणीश्रा, पत्रलता, मंडली, पंचलडी, मोहरन, दूसूरूल्लक, आमुक्तावली, नावा, गलपटियो

6. हाथ - टड्डा/ठड्डा, तकमा, पट्ट, फूँदना, नोगरी (हाथ की चूड़ियों के बीच में पहना जाता है), बंगडी, कंकण/काँकणी, गोखरू, नवरत्न, अणत (भुजा पर बाँधने का ताँबे का आभूषण), पूंचिया, मौकडी, पुणच, ताती, खाँच, चाँट, आंवला, माठी, गजरा, चूडली, बाजूबन्द, तकया, बट्टा, हारपान, हथफूल, लाखीणी (दुल्हन के पहनने की लाख की चूड़ी), पछेली

6. (अ) हाथ की अंगूली - दामणा, हथपान, अरसी (हाथ के अंगुठे में पहने जाने वाली अंगुठी), बींटी, मूँदडी, अँगूठी, वींछिया

7. कमर - करधनी, तगड़ी, कणकती (सोने व चाँदी की साँकलनुमा रचना),सटका, कंदौडा, मेखला, कंडोर

8. पैर - लंगर, टाँका, पिंजणियाँ, नुपूर, झाँझर, तेधड़, नेवर, आंवला, लच्छा, टोड़ा, रमझौल, पोलरी, टणका, कडा, कड़ला, नंकुम, गोव्वया, नेवणी, जोधपुरी जोड,हिरना मैन, लछने, तोरी/तोडी, खडवे, छड़

8. (अ) पैर की अंगूली - नखालियो, गोर, फोलरी, बिछिया, मच्छी, पंगपान

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