2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा भारत का सबसे ऊंचा रोप-वे।।

एक समय था जब मनाली से लेह तक पहुंचने के लिए 45 किलोमीटर लंबी यात्रा करनी पड़ती थी। कई बार तो ऐसा समय भी आता था, जब शून्‍य के नीचे के तापमान से होकर गुजरना पड़ता था, और कई बार तो बर्फबारी के कारण रास्‍ता बंद भी हो जाता था। 9.02 किलोमीटर लंबी अटल टनल के बनने के बाद से इस रास्ते की तमाम मुश्किलें खत्म हो गई हैं। लद्दाख को मिली इस सौगात के बाद अब एक और सौगात केंद्र सरकार देने जा रही है। वो है 8.1 किलोमीटर लम्बा रोप-वे, जो अगले 4 वर्षों में यानी वर्ष 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा।  

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अटल टनल ने पहले ही लेह के लिए पर्यटन के मार्ग खोल दिए हैं, उसमें यह रोप-वे भी आकर्षण का बड़ा केंद्र होगा। यह रोहतांग रोप-वे के रूप में जानी जाएगी, जो 
हर घंटे 1500 के करीब लोगों को ले जाने में सक्षम होगी। इस परियोजना में करीब 540 करोड़ रुपए की लागत आयेगी। 

रोहतांग रोप-वे प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक अमिताभ शर्मा ने प्रसार भारती से बातचीत में बताया कि यह प्रोजेक्ट ह‍िमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल के आधार पर बन रहा है। इसमें केंद्र सरकार का भी बड़ा सहयोग है। यह परियोजना घाटी के दो स्थानों को कनेक्ट करने का काम करेगी। यह रोपवे कोठी गांव से रोहतांग पास को कनेक्ट करेगा।

अमिताभ शर्मा ने बताया कि कोठी गांव जो करीब 8000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है, यहां से इस रोप-वे का पहला भाग शुरू होगा, जो गुलाबा से कनेक्ट होगा। गुलाबा स्टेशन करीब 9400 फीट की ऊंचाई पर है। अगला स्टेशन मणि पर होगा, जो करीब 10.9 हजार फीट की ऊंचाई पर है। वहीं अंतिम स्टेशन रोहतांग पास होगा, जो करीब 13,200 फीट की ऊंचाई पर है। यह भारत का सबसे ऊंचा रोप-वे होगा। 

उन्‍होंने आगे बताया कि इसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। यह रोप-वे कोठी से शुरू होकर आपको बर्फीले पहाड़ पर ले जाएगा। आपको बता दें कि रोहतांग पास में साल के 12 महीने बर्फ रहती है। साथ ही यहां आस-पास के पहाड़ों पर ग्लेशियर भी पाये जाते हैं।

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