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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2020: जानिए इसके बारे में सब कुछ।।

भारत सरकार ने वर्ष 2008 में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाने की घोषणा की. मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के पहले शिक्षा मंत्री 15 अगस्त 1947 से 02 फरवरी 1958 के मध्य बनें थे.

देश भर में 11 नवंबर को प्रत्येक साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. यह दिवस स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर मनाया जाता है. मौलाना अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था.

शिक्षा दिवस के मौके पर भारत शिक्षा के क्षेत्र में अबुल कलाम कलाम द्वारा किए गए कार्यों को याद करता है. मौलाना अबुल कलाम का मानना था कि स्कूल प्रोयगशालाएं हैं जहां भावी नागरिकों का उत्पादन किया जाता है.


इस दिन, शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रत्येक व्यक्ति को साक्षर बनाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने साल 2008 में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाने की घोषणा की.

भारत के पहले शिक्षा मंत्री

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे. उन्होंने भारत की आज़ादी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना की. मौलाना आज़ाद, 35 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे. वे उर्दू में कविताएँ भी लिखते थे. लोग उन्हें कलम के योद्धा के रूप में भी जानते हैं. उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना की और देश में मुफ्त शिक्षा के लिए भी काम किया.

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के बारे में

• मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे. वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे.

• वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे. वे आजादी के बाद भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से साल 1952 में सांसद चुने गए.

• उन्होंने बचपन से शिक्षा को अपने जीवन का श्रेय बनाया था.

• उन्होंने केवल तेरह साल की उम्र में अपनी शिक्षा पूर्ण करके अपने से बडी कक्षा व उम्र के विद्यार्थियों को पढ़ाना प्रारम्भ किया.

• उन्होंने ना केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि 14 साल की आयु तक सभी बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की भी वकालत की थी.

• उन्होंने इसके अतिरिक्त प्राथमिक शिक्षा के साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की ओर भी सबका ध्यान आकर्षित करवाया.

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