⛎ 'बुद्ध ग्रह के दो साल में तीन दिन होते हैं। अर्थात बुद्ध सुर्य की दो बार की परिक्रमा में अपनी धुरी की तीन बार परिक्रमा करता है। लेकिन 1962 तक यह माना जाता था कि बुद्ध के एक दिन का समय और एक वर्ष का समय बराबर होता है।
⛎ 'बुद्ध ग्रह का वातावरण स्थिर नही है। इसके ईर्द – गिर्द वायुमंडल की कोई विषेश परत भी नहीं है। जो थोड़े – बहुत परमाणु सौर वायु के कारण इसके दायरे में आ भी जाते हैं वह बुद्ध के बहुत गर्म होने के कारण जल्द ही उड़ कर अंतरिक्ष में चले जाते हैं। इसके कारण इसका वातावरण स्थिर नही रहता।
⛎ 'बुद्ध ग्रह की सतह ऊबड़-खाबड़ है और सतह पर कई क्रेटर(गड़ढे) भी हैं। कुछ गड़ढे तो बहुत बड़े हैं, सैंकड़ो किलोमीटर तक लंम्बे और तीन किलोमीटर तक गहरे।
⛎ 'बुद्ध ग्रह बाकी सभी ग्रहों से तेज़ गति से सुर्य की परिक्रमा करता है , लगभग 1 लाख 80 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा। पृथ्वी लगभग 1 लाख 70 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से गति करती है
⛎ 'बुद्ध पृथ्वी के बाद सबसे ज्यादा घनत्व वाला पिंड है। बुद्ध का घनत्व 5.43 gm/cm3 है जबकि पृथ्वी का 5.51 gm/cm3 है। बुद्ध पृथ्वी से 26 गुणा छोटा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी से इतना छोटा होने के बावजूद इतना ज्यादा घनत्व होना इस बात की ओर इशारा करता है कि बुद्ध का केंद्र पृथ्वी के केंद्र की तरह लोहे का बना हुआ है और इसका लौह केंद्र पृथ्वी के लौह केंद्र से बड़ा होगा।
⛎ 'बुद्ध के दिन के तापमान और रात के तापनान में भारी अंतर पाया जाता है। बुद्ध के दिन का तापमान 450 डिग्री सेल्सीयस तक पहुँच जाता है जबकि रात का तापमान 0 डिग्री से कहीं नीचे -176 डिग्री सेल्सीयस तक ही रह जाता है।
⛎ 'बुद्ध ग्रह आकार में शनि के उपग्रह ‘टाइटन’ (Titan) और बृहस्पति (Genymede) के उपग्रह ‘गनीमीड’ से छोटा है। वैसे प्लुटो भी बुद्ध ग्रह से छोटा है, पर अब वैज्ञानिक प्लुटो को ग्रह नहीं मानते, उसे ‘बौने ग्रह’ (Dwarf Planet) का दर्जा दे दिया गया है
⛎'पृथ्वी पर से यदि बुद्ध ग्रह को नंगी आँखो से देखना हो तो इसे सुर्यादय से ठीक पहले और सुर्यास्त के ठीक बाद देखा जा सकता है।
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