देश की हालिया गिरती अर्थव्यवस्था को देखते हुए भारतीय बैंक संघ की 73वी वार्षिक बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न बैंकों से ऋण (लोन) देने में उदार रवैया अपनाने और अपने ग्राहकों को RuPay कार्ड की पेशकश करने का सुझाव दिया इसके तहत डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के साथ ही 31 मार्च 2021 तक उन ग्राहकों के बैंक खातों को उनके आधार नम्बर से जोड़ना भी लक्ष्य है।
✅RuPay कार्ड:
रुपे (Rupee) एवं पेमेंट (Payment) शब्दों से मिलकर बना RuPay अपनी तरह का भारत का, भारत में, प्रथम घरेलू डेबिट व क्रेडिट कार्ड भुगतान नेटवर्क है।
RuPay 26 मार्च 2012 को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च की गई एक घरेलू कार्ड भुगतान सेवा है।
जनवरी 2020 तक 600 मिलियन से ज्यादा RuPay कार्ड धारक थे।
इस कार्ड का उपयोग सिंगापुर, भूटान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन के लिए भी किया जा सकता है।
✅भारतीय बैंक संघ (Indian Bank’s Association) :
1946 में गठित बैंकिंग प्रबंधन की प्रतिनिधि निकाय है यानी यह भारतीयों बैंकों और मुंबई स्थित वित्तीय संस्थानों का एक संघ है।
IBA नयी प्रणालियों के क्रियान्वयन और सदस्यों के मध्य मानकों को अपनाने के साथ सदस्य बैंकों को सहायता प्रदान करता है।
वर्तमान में भारतीय बैंकिंग के विकास, समन्वय व मजबूती के लिए बनी यह निकाय भारत में कार्यरत 237 बैंकिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है।
✅डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा:
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस को मजबूत करने के साथ ही पूर्व की तुलना में डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाया गया है।
भारतीय बैंकों को विवेकपूर्ण जोखिम व बिना डर ऋण देने में सक्षम बनाने हेतु केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के अन्तर्गत प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि बैंक केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC), केंद्रीय जांच ब्यूरों (CBI) तथा भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (CAGI) से सीधे सामंजस्य बैठा सकें।
ऑफलाइन लेन-देन में सक्षम बनाने वाले प्लेटफोर्म ‘ अवसंरचनात्मक पूरक सेवा डेटा’ (USSD) के कारण भुगतान प्रणाली को और अधिक सुलभ बनाया गया है।
आधार सक्षम पेमेंट प्रणाली, आधार सक्षम बैंक खाते किसी भी समय या स्थान पर माइक्रो ATM का प्रयोग करने में सक्षमता प्रदान करते है।
✅वित्तीय साक्षरता परियोजना:
इसका उद्देश्य केंद्रीय बैंक सामान्य बैंकिंग अवधारणाओं के संबध में विभिन्न लक्षित समूहों जिनमें स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी, महिलायें, वरिष्ठ नागरिक तथा शहरी व ग्रामीण गरीब शामिल है, को वित्तीय जानकारी उपलब्ध कराना है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) तथा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM’s) ने ‘पॉकेट मनी नाम का प्रमुख कार्यक्रम लांच किया, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ाना है।
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