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सतत कृषि पहल के लिए बिहार के वैशाली जिला निवासी मनीष कुमार को वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार मिलेगा। मनीष को वर्ष 2020 का युवा पुरस्कार नागपुर में होने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 66वें राष्ट्रीय अधिवेशन में 26 दिसम्बर को दिया जाएगा। पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये, प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे।
अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री (बिहार-झारखंड) निखिल रंजन ने रविवार को बताया कि यह पुरस्कार युवाओं को स्थायी जैविक और बहु-प्रचलित खेती के सफल मॉडल की ओर आकर्षित करने के साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण रोजगार सृजन करने के लिए दिया जा रहा है। समाज उपयोगी कार्य करने वाले युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन देने, उनके काम को समाज के सामने लाने और युवा वर्ग के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए यह पुरस्कार हर साल दिया जाता है ताकि देश के अन्य युवाओं में ऐसे काम करने की प्रेरणा उत्पन्न हो सके।
अभाविप के शिल्पकार की याद में 1991 से प्रतिवर्ष दिया जाता है यह पुरस्कार
उल्लेखनीय है कि छात्र संगठन अभाविप के शिल्पकार यशवंत राव केलकर की याद में यह पुरस्कार 1991 से प्रतिवर्ष दिया जा रहा है। अभाविप और विद्यार्थी निधि न्यास का यह संयुक्त उपक्रम है, जो शिक्षा और छात्रों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्बैया षणमुगम, राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री (बिहार-झारखंड) निखिल रंजन, बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शैलेश्वर प्रसाद, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष प्रो. पंकज कुमार, झारखंड के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञ्यवल्क्य शुक्ला ने मनीष कुमार को बधाई दी है।
खड़गपुर से मास्टर्स करने बाद बैक टू विलेज संस्था के माध्यम से कर रहे काम
क्षेत्रीय संगठन मंत्री रंजन ने बताया कि बिहार के वैशाली के मूल निवासी मनीष कुमार वर्ष 2010 में आईआईटी खड़गपुर से परास्नातक (इंटिग्रेटेड मास्टर्स) की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। आईआईटी से मास्टर डिग्री लेने के बाद उन्हें अमेरिका की एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया। गांव की ओर लौट आये। बैक टू विलेज नामक संस्था के माध्यम से गांव के युवाओं, किसानों और मजदूरों के उत्थान के लिए काम करने लगे।
गांवों को समृद्ध तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाया बी2वी
निखिल रंजन ने बताया कि मनीष कुमार ने गांवों को समृद्ध तथा आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जैविक कृषि तथा कृषि आधारित सर्वग्राही ग्रामीण विकास पर केंद्रित 'बैक टू विलेज (बी2वी) नामक एक गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) की स्थापना की तथा वर्ष 2010 में किसानों के लिए ‘फार्म एंड फार्मर्स’ का गठन भी किया। आज उनका काम ओडिशा, झारखंड और बिहार के कई स्थानों पर चल रहा है। बैक टू विलेज की पहल उन्नत कृषि केंद्र के माध्यम से उपर्युक्त शिक्षित युवा वर्ग को कृषि क्षेत्र से जोड़ने के लिए विभिन्न गांवों के युवाओं एवं शिक्षित वर्ग का समूह बनाकर उन्हें प्रशिक्षण के साथ ही सहायता देकर समुचित आजीविका कमाने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। अब तक पांच हजार से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं। साथ ही 75 से अधिक आदिवासी युवाओं को कृषि उद्यमिता कौशल का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
(हिन्दुस्थान समाचार)
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