चीन का कहना है कि इन अधिकारियों ने बीजिंग की संप्रभुता का उल्लंघन किया. इस रोक के बाद अब चीन, मकाऊ व हांग कांग में इन अधिकारियों व इनके परिजनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.
चीन ने जो बाइडेन के शपथ लेने के तुरंत बाद ही बड़ा कदम उठाया है. चीन ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति काल में महत्वपूर्ण पदों पर रहे 28 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और पूर्व सलाहकार जॉन आर बॉल्टन का नाम भी शामिल है.
यह प्रतिबंध चीन-अमेरिका संबंधों को खराब करने और चीन के अंदरुनी मामलों में दखल देने का आरोप लगाते हुए लगाए गए हैं. चीन इन सभी पर राष्ट्र की संप्रभुता के उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है.
चीन ने क्या कहा?
चीन का कहना है कि इन अधिकारियों ने बीजिंग की संप्रभुता का उल्लंघन किया. इस रोक के बाद अब चीन, मकाऊ व हांग कांग में इन अधिकारियों व इनके परिजनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. इसके अतिरिक्त चीन में इनकी कंपनियों व इंस्टीट्यूशन संबंधित किसी तरह का काम और व्यापार भी नहीं हो सकेगा.
चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या घोषणा की
चीन ने राष्ट्र की संप्रभुता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पोम्पियो और अन्य 27 अधिकारियों पर बैन की घोषणा की है. इसके बाद ये सभी 28 लोग अब चीन की सीमा में किसी भी तरह की यात्रा नहीं कर सकेंगे. चीन ने जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के समय ही इसकी घोषणा की. चीन ने कहा कि ये सभी लोग चीन-अमेरिका के रिश्तों को खराब करने के जिम्मेदार थे.
इस लिस्ट में कौन-कौन शामिल
इस लिस्ट में माइक पोम्पियो, रॉबर्ट सी. ओब्रायन, पीटर नेवारो, डेविड स्टिलवेल, मैथ्यू पॉटिंगर, एलेक्स अजर, कीथ क्रैच, केली डी के क्राफ्ट के साथ ही जॉह्न आर बोल्टन, स्टीफन के बैनन का नाम शामिल है.
ट्रम्प ने जाने से पहले चीन के 8 ऐप पर लगाया था बैन
ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद छोड़ने से पहले चीन को एक और झटका दिया था. उन्होंने चीनी कंपनियों के मालिकाना हक वाले 8 ऐप से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे. इन ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया है, उसमें वीचैट पे और जैक मा के एंट ग्रुप का अलीपे भी शामिल है.
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