तियानवेन -1 खोज ने एक ब्लैक एंड वाइट फ़ोटो भेजी है, जिसमें मंगल की भूगर्भीय विशेषताओं को दिखाया गया है जिसमें शिआपरेली क्रेटर और वैलेस मार्बेरिस, मंगल ग्रह की सतह पर घाटी का एक विशाल खंड शामिल है.
चीन की तियानवेन -1 अंतरिक्ष खोज ने मंगल ग्रह की अपनी पहली छवि/ फ़ोटो भेज दी है. यह फ़ोटो 05 फरवरी, 2021 को चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) द्वारा जारी की गई थी.
यह क्रिया ठीक उसी समय हुई है जबकि मंगल ग्रह की खोज इस साल के आखिर में लाल ग्रह को छूने की तैयारी कर रही है. यह अंतरिक्ष यान जुलाई, 2020 में लॉन्च किया गया था, जोकि अमेरिकी मंगल मिशन के समान था, जिसके 10 फरवरी के आसपास मंगल की कक्षा में प्रवेश करने की उम्मीद जताई जा रही है.
मुख्य विवरण
• मंगल की खोज/ मार्स प्रोब ने एक श्वेत-श्याम तस्वीर भेजी है, जिसमें मंगल की भूगर्भीय विशेषताओं को दिखाया गया है जिसमें शिआपरेली क्रेटर और वैलेस मार्बेरिस, मंगल ग्रह की सतह पर घाटी का एक विशाल खंड शामिल है.
• यह तस्वीर चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के अनुसार मंगल ग्रह से लगभग 2.2 मिलियन किलोमीटर दूर से ली गई थी.
• तियानवेन -1 अंतरिक्ष यान वर्तमान में इस ग्रह से 1.1 मिलियन किलोमीटर दूर है.
• इस रोबोटिक अंतरिक्ष खोज ने एक कक्षीय सुधार करने के लिए 05 फरवरी को अपने एक इंजन को प्रज्वलित किया.
• यह 10 फरवरी के आसपास मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने से पहले धीमा होने की उम्मीद है.
चीन का मंगल मिशन
चीन के इस पांच टन वाले तियानवेन -1 मार्स प्रोब में एक मंगल ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर शामिल है जो ग्रह की मिट्टी का अध्ययन करेगा.
चीन को यह उम्मीद है कि, मई, 2021 में मार्स यूटोपिया बेसिन में इस रोवर को उतारा जाएगा, जो एक विशाल प्रभाव बेसिन है.
पृष्ठभूमि
चीन पिछले कुछ दशकों में अंतरिक्ष अन्वेषण में भारी प्रगति कर रहा है. इस देश ने वर्ष, 2003 में सफलतापूर्वक एक मानव को अंतरिक्ष में भेजा था.
यह वर्तमान मंगल मिशन चीन का मंगल पर पहुंचने का पहला प्रयास नहीं है. वर्ष, 2011 में रूस के सहयोग से किया गया चीन का पिछला प्रयास, प्रक्षेपण के दौरान विफल हो गया था.
चीन ने अपने अन्य अभियानों में, सफलतापूर्वक दो रोवर्स को चंद्रमा पर भेजा है और दूसरे रोवर के साथ, चीन चंद्रमा के दूरस्थ स्थान की तरफ़ एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया है.
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