केंद्र सरकार ने 15 मार्च, 2021 को लोकसभा को सूचित किया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का निजीकरण नहीं किया जा रहा है।
▪️ मुख्य बिंदु:
सरकार ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि सरकार पारदर्शिता और मूल्यांकन लाने के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (Initial Public Offering-IPO) लाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आईपीओ LIC में निवेश बढ़ाएगा। शेयरधारकों के लिए प्रतिशत के बारे में निर्णय बाद में लिया जाएगा।
▪️ प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (Initial Public Offering-IPO) :
आईपीओ को स्टॉक मार्केट लॉन्च भी कहा जाता है। यह एक सार्वजनिक पेशकश है जहां कंपनी के शेयर संस्थागत निवेशकों को बेचे जाते हैं। इसे खुदरा (व्यक्तिगत) निवेशकों को भी बेचा जा सकता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से एक निजी कंपनी को सार्वजनिक कंपनी में बदल दिया जाता है। इस तंत्र का उपयोग कंपनियों के लिए नई इक्विटी पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है।
▪️ भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) :
LIC एक भारत सरकार के स्वामित्व वाला बीमा और निवेश निगम है। इसकी स्थापना 1 सितंबर, 1956 को हुई थी। इसकी स्थापना भारतीय जीवन बीमा अधिनियम द्वारा की गई थी। इस अधिनियम ने पूरे भारत में बीमा उद्योग का राष्ट्रीयकरण कर दिया था। राज्य के स्वामित्व वाली एलआईसी को 245 बीमा कंपनियों और प्रोविडेंट सोसायटी का विलय करके बनाया गया था।
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