UDID Project 2016 से लागू किया जा रहा है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केवल UDID पोर्टल का उपयोग करके विकलांगता का प्रमाण पत्र जारी करना अनिवार्य कर दिया है। यह 1 जून, 2021 से लागू होगा।
UDID का अर्थ Unique ID for Persons with Disabilities Project है। इस परियोजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के लिए एक सार्वभौमिक आईडी और विकलांगता प्रमाणपत्र प्रदान करना है।
UDID परियोजना के बारे में
इस परियोजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के लिए एक राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करना है। इसके अलावा, इसका उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के लिए एक UDID, अर्थात Unique Disability Identity Card जारी करना है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
इस परियोजना का लक्ष्य निम्नलिखित हासिल करना है:
देश भर में विकलांग व्यक्तियों के डेटा की ऑनलाइन उपलब्धता के लिए एक केंद्रीकृत वेब एप्लीकेशन।
विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना और आवेदन पत्र जमा करना
अस्पतालों द्वारा विकलांगता के प्रतिशत की गणना करने की प्रक्रिया को तेज करना
विकलांग व्यक्तियों के बारे में जानकारी का ऑनलाइन अपडेशन और नवीनीकरण
योजना में शामिल विकलांगता
इस परियोजना में शामिल विकलांग व्यक्ति विकलांग अधिनियम, 1995 पर आधारित हैं। निम्नलिखित विकलांगता इस परियोजना में शामिल हैं:
मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy)
अंधापन (Blindness)
कम दृष्टि (Low Vision)
लोकोमोटर विकलांगता (Locomotor Disability)
कुष्ठ-ठीक (Leprosy-cured)
मानसिक मंदता (Mental retardation)
मानसिक बिमारी (Mental Illness)
सुनने में परेशानी (Hearing Impairment)
एकत्रित किये जाने वाले आंकड़े
भारत सरकार UDID बनाने के लिए व्यक्ति से केवल निम्नलिखित विवरण एकत्र करती है:
उनके पते सहित व्यक्तिगत विवरण
रोजगार की विस्तृत जानकारी
पहचान का विवरण
विकलांगता विवरण
UDID परियोजना के लाभ
यह परियोजना दस्तावेजों की कई प्रतियां बनाने की आवश्यकता को हटा देगी।UDID कार्ड सभी आवश्यक विवरणों को कैप्चर करेगा।
यह भविष्य में विभिन्न लाभों का लाभ उठाने के लिए आवश्यक सत्यापन और पहचान का एकल दस्तावेज होगा।
यह गांव, ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर से शुरू होने वाले सभी स्तरों पर लाभार्थियों की वित्तीय प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगा।
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