चीन उइगरों को क्यों निशाना बना रहा है?
शिनजियांग तकनीकी रूप से चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। शिनजियांग, चीन का सबसे बड़ा क्षेत्र है तथा खनिजों से समृद्ध है इसके साथ ही इस प्रांत की सीमायें भारत, पाकिस्तान, रूस और अफगानिस्तान सहित आठ देशों के साथ मिलती है।
पिछले कुछ दशकों में, शिनजियांग प्रांत आर्थिक रूप से समृद्ध हुआ है, इसके साथ ही बड़ी संख्या में बहुसंख्यक ‘हान चीनी’ (Han Chinese) इस क्षेत्र में आकर बस गए तथा बेहतर नौकरियों पर कब्जा कर लिया है। हान चीनीयों ने उइगरों के लिए आजीविका तथा पहचान के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है।
इन्ही कारणों से, छिटपुट हिंसा की शुरुआत हुई तथा वर्ष 2009 में शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर हान चीनी थे। तब से कई अन्य हिंसक घटनाएं हुई हैं।
बीजिंग का कहना है कि उइगर समुदाय एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहता है और, उइगरों के तुर्की तथा अन्य मध्य एशियाई देशों से सांस्कृतिक संबंधों के कारण, चीनी नेताओं को डर है कि पाकिस्तान जैसी जगहों से संचालित होने वाले उग्रवादी तत्व शिनजियांग में अलगाववादी आंदोलन को प्रोत्साहन व सहयोग दे सकते हैं।
इसलिए, चीन की नीति पूरे समुदाय को संदिग्ध मानने तथा उइगरों की अलग पहचान को समाप्त करने हेतु एक व्यवस्थित परियोजना के आरम्भ करने की प्रतीत होती है।
0 comments:
Post a Comment
We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.