एक दिन किसी तालाब पर एक मछुआरा शिकार करने आया। तालाब में मछलियाँ उछल-कूद कर रही
थीं। मछुआरे ने मन ही मन सोचा, 'अरे वाह! यहाँ तो ढेर सारी मछलिया है। कल में बड़ा जाल लेकर आऊँगा। उस तालाब में एक सुनहरी मछली भी थी। उसने मछुआरे की बात सुन ली। यह बात उसने दूसरी मछलियों को बताई। वे सब परेशान हो गईं।
"अब हम क्या करें? कहाँ जाएँ? सभी सोचने लगीं। सुनहरी मछली ने कहा, "पास में एक नदी है उसकी बहुत सारी मछलियाँ मेरी दोस्त हैं। हम सब वहाँ जाकर रह सकते हैं। वहाँ हमें कोई परेशान नहीं करेगा। और भी मछलियों तालाब से निकलीं एक पतले रास्ते से नदी में चली गईं।
अगले दिन मछुआरा आया। उसने बार-बार जाल फेंका, लेकिन एक भी मछली नहीं फंसी ।
मछुआरा हैरान रह गया। वह अपना सा मुँह लेकर घर लौट गया।
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