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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो परीक्षा में आ सकते हैं -

 हिंदी के कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो परीक्षा में आ सकते हैं -

✦ "जहां बहुत कला होगी, परिवर्तन नहीं होगा" कथन किसका है - रघुवीर सहाय

✦ "सूरदास सुधारक नहीं थे, ज्ञानमार्गी भी नहीं थे, किसी को कुछ सिखाने का मान उन्होंने भी किया ही नहीं...वे केवल श्रद्धालु और विश्वासी भक्त थे"। कथन किसका है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी

✦ "समूचा साहित्य जन्म लेते ही प्रतिष्ठान की विकराल दाढ़ों में समाने लगता है" पंक्ति किस निबन्ध से है - साहित्य क्यों

✦ "जो नर दुःख में दुःख नहिं माने..." पंक्ति किसकी है - गुरु नानक

✦ "पांव रखते ही, बांस का पुल चरमराता डोलता है/कहीं नीचे बहुत गहरे, अतल खाई है"...पंक्ति किसकी है - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

✦ जादुई यथार्थवाद शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया था - फ्रेंज रोह ने

✦ "वस्तुतः हमारी खोज पद्मावती की नहीं, पद्मावत की होनी चाहिए"...उत्कृष्ट कथन किस विद्वान का है - विजयदेवनारायण साही

✦ "अपनी मूल प्रकृति में पद्मावत एक त्रासदी है...शायद हिंदुस्तान या सम्भवतः एशिया की धरती पर लिखा हुआ एकमात्र ग्रन्थ है जो यूनानियों की ट्रेजडी के काफी निकट है"...किसका कथन है - विजयदेव नारायण साही

✦ "जायसी का प्रस्थान-बिंदु न ईश्वर है, न कोई अध्यात्म है । उनकी चिंता का मुख्य ध्येय मनुष्य है - मनुष्य"...किस विद्वान का कथन है - विजयदेव नारायण साही

✦ "शमशेर की मूल मनोवृत्ति एक इम्प्रेशनिस्टिक चित्रकार की है" कथन किसका है - मुक्तिबोध

✦ "प्रत्येक शब्द का प्रत्येक समर्थ उपयोक्ता उसे नया संस्कार देता है" कथन किसका है - अज्ञेय जी

✦ "मुझ पर चढ़ने से रहा, राम!दूसरा रंग"...पंक्ति किसकी और कहां से ली गई है - मैथिली शरण गुप्त/द्वापर

✦ शमशेर बहादुर सिंह ने जिस नई कविता को अपनाया, उनमें उन्होंने नई कविता के लेखन सन्दर्भ में किन 5 बातों को रेखांकित किया -
1. सच्चाई का अपना खास रूप।
2. ललित कलाएं काफ़ी हद तक एक दूसरे में समोई हुई हैं।
3. कवि की जाती दिलचस्पी।
4. दूसरी भाषाओं का ज्ञान
5. भाषा एवम कला के रूपों का कोई पार नहीं है।

✦ "कान्ह के बोल पे कान न दीन्हीं, सुगेह को देहरि पै धरि आई"...पंक्ति मतिराम की है।

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